खिलाड़ी की जांच करते डॉ. विपिन मधोगढ़िया
नई दिल्ली:
हरियाणा में महेंद्रगढ़ के हड्डियों के डॉक्टर विपिन मधोगढ़िया की खुशियों का ठिकाना नहीं है. भारत के करोड़ों खेलप्रेमियों की तरह उन्होंने भी टेलीविज़न पर ही रियो गेम्स देखने की योजना बनाई थी, लेकिन रियो से आए एक ख़त ने उनकी खुशियों को चौगुना कर दिया है. वह बताते हैं, "मुझे रियो की आयोजन समिति के मेडिकल कमीशन ने ओलिंपिक के दौरान एथलीटों की सेवा का मौक़ा दिया है. यह मेरे लिए फ़ख़्र की बात है."
न केवल डॉक्टर्स बल्कि महेंद्रगढ़ के लोगों में भी 27 साल के इस ऑर्थोपेडिक सर्जन का रुतबा बढ़ गया है. उन्हें अंबाला की मुलाना महर्षि मार्केंडेय यूनिवर्सिटी ने रियो जाने से पहले सम्मानित भी किया है. दरअसल पिछले महीने वेनेज़ुएला में आयोजित प्रो बॉक्सर्स की AIBA ओलिंपिक क्वालिफ़ायर प्रतियोगिता के दौरान मेज़बान देश के कुछ बॉक्सर्स डिहाइड्रेशन के शिकार हो गए थे. डॉक्टर विपिन ने उन बॉक्सर्स का इलाज वहीं (रिंग के पास) कर दिया और उन्हें अस्पताल भी जाने की ज़रूरत नहीं पड़ी. उनकी काबिलियत और सेवा भावना से खुश होकर रियो की आयोजन समिति के सदस्यों ने उन्हें ओलिंपिक में आने का न्योता दे दिया.
डॉ. विपिन बताते हैं कि रियो आयोजन समिति ने दुनियाभर से ऐसे ही क़रीब दो दर्जन डॉक्टरों को न्योता देकर ब्राज़ील बुलाया है. डॉ. विपिन खुद एक एथलीट रह चुके हैं. डॉ. विपिन चोट की वजह से खेलों में अपना करियर नहीं बना सके और न ही उन्हें कभी ओलिंपिक में जाने का मौक़ा मिला, लेकिन इस बार उनकी दिली तमन्ना थी कि वह उसैन बोल्ट को क़रीब से देख सकें.... अब रियो के आमंत्रण से उनका ख़्वाब पूरा होता नज़र आ रहा है.
वह कहते हैं, "क्या पता मुझे उसैन बोल्ट के मेडिकल कमीशन में शामिल होने का मौक़ा मिल जाए. मैं शायद वहां सचिन तेंदुलकर से भी मुलाक़ात कर पाऊंगा जो मेरे रोल मॉडल रहे हैं. मैं अभिनव बिंद्रा और साइना नेहवाल को मेडल जीतते देखना चाहता था. रियो में मेरे सारे सपने सच हो सकते हैं."
न केवल डॉक्टर्स बल्कि महेंद्रगढ़ के लोगों में भी 27 साल के इस ऑर्थोपेडिक सर्जन का रुतबा बढ़ गया है. उन्हें अंबाला की मुलाना महर्षि मार्केंडेय यूनिवर्सिटी ने रियो जाने से पहले सम्मानित भी किया है. दरअसल पिछले महीने वेनेज़ुएला में आयोजित प्रो बॉक्सर्स की AIBA ओलिंपिक क्वालिफ़ायर प्रतियोगिता के दौरान मेज़बान देश के कुछ बॉक्सर्स डिहाइड्रेशन के शिकार हो गए थे. डॉक्टर विपिन ने उन बॉक्सर्स का इलाज वहीं (रिंग के पास) कर दिया और उन्हें अस्पताल भी जाने की ज़रूरत नहीं पड़ी. उनकी काबिलियत और सेवा भावना से खुश होकर रियो की आयोजन समिति के सदस्यों ने उन्हें ओलिंपिक में आने का न्योता दे दिया.
डॉ. विपिन बताते हैं कि रियो आयोजन समिति ने दुनियाभर से ऐसे ही क़रीब दो दर्जन डॉक्टरों को न्योता देकर ब्राज़ील बुलाया है. डॉ. विपिन खुद एक एथलीट रह चुके हैं. डॉ. विपिन चोट की वजह से खेलों में अपना करियर नहीं बना सके और न ही उन्हें कभी ओलिंपिक में जाने का मौक़ा मिला, लेकिन इस बार उनकी दिली तमन्ना थी कि वह उसैन बोल्ट को क़रीब से देख सकें.... अब रियो के आमंत्रण से उनका ख़्वाब पूरा होता नज़र आ रहा है.
वह कहते हैं, "क्या पता मुझे उसैन बोल्ट के मेडिकल कमीशन में शामिल होने का मौक़ा मिल जाए. मैं शायद वहां सचिन तेंदुलकर से भी मुलाक़ात कर पाऊंगा जो मेरे रोल मॉडल रहे हैं. मैं अभिनव बिंद्रा और साइना नेहवाल को मेडल जीतते देखना चाहता था. रियो में मेरे सारे सपने सच हो सकते हैं."
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