भारतीय सेना (Indian Army) सिर्फ शौर्य ही नहीं कई बार मानवीय पहल के लिए भी जानी जाती है. इसके लिए सराहना भी खूब हासिल होती है. घाटी हो या देश का कोई हिस्सा... चाहे बाढ़ आए या तूफान... या अन्य कोई आपदा, मुसीबत में फंसे लोगों को सुरक्षित करने की मुहिम में हमेशा सेना खुद को अव्वल साबित करती रही है. इस बार भी जम्मू-कश्मीर में सेना ने कुछ ऐसा काम किया कि स्थानीय कश्मीरी भी वाह-वाह कह उठे.तस्वीरें देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है कि सेना की मदद से कश्मीरी कितने खुश हैं. सेना ने यह मदद ऐसे हालात में की है, जब पुलवामा में 14 फरवरी को आत्मघाती हमले के बाद घाटी में बेहद संवेदनशील माहौल है. सुरक्षा बल अलर्ट मोड में हैं.अतिरिक्त चौकसी बरती जा रही है.फिर भी सेना अपने मानवीय मिशन को भी सुरक्षा के साथ-साथ निभाने से पीछे नहीं हट रही है.
दरअसल घाटी में कानून व्यवस्था और अन्य कारणों से जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग कुछ समय से लगातार बंद है. इस वजह से करीब तीन हजार से ज्यादा यात्री जम्मू में ही फंस गए. इसमें अधिकांश कश्मीरी यात्री रहे. भारतीय सेना से लोगों की परेशानी देखी नहीं गई तो सभी के रात में ठहरने का पहले इंतजाम किया और फिर सभी तीन हजार से अधिक यात्रियों को सेना ने भोजन कराया. इसके बाद सभी को जम्मू से श्रीनगर भेजने के लिए परिवहन की व्यवस्था की. खुद इस बात की पुष्टि रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता ने की. प्रवक्ता ने कहा,‘‘पिछले एक हफ्ते में, सेना ने जम्मू शहर में बड़ी संख्या में फंसे हुए यात्रियों की मदद की.
उन्होंने स्थानीय लोगों के सहयोग से भोजन और स्थान उपलब्ध कराकर रात में रुकने का इंतजाम और श्रीनगर जाने के लिए परिवहन की व्यवस्था कर उनकी भरपूर मदद की.'' सेना ने उन्हें तीन दिनों तक खाद्य आपूर्ति की. तीन दिन तक सेना की मेजबानी में आवभगत देखकर यात्री निहाल हो उठे और उन्होंने धन्यवाद दिया. उधर जम्मू डिफेंस के पीआरओ ने बताया कि सेना लगातार यात्रियों की मदद में जुटी है. उन्हें खाना, ठहरने का स्थान और परिवहन साधन उपलब्ध कराया जा रहा है. स्थानीय प्रशासन का भी इसमें सहयोग लिया जा रहा है. मदद लगातार जारी रहेगी. (इनपुट-भाषा से भी)
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