
- भारत और अमेरिका के बीच एक अंतरिम व्यापार समझौता जल्द ही होने की संभावना है.
- मार्क लिंस्कॉट ने कहा कि दोनों देशों के बीच आवश्यक समझौतों पर चर्चा चल रही है.
- नया समझौता टैरिफ में कटौती पर महत्वपूर्ण ध्यान केंद्रित कर सकता है.
- भारत श्रम-गहन सामानों के लिए अमेरिका में बाजार पहुंच की मांग कर रहा है. अमेरिका कृषि उत्पादों के लिए भारत में टैरिफ में रियायतें चाहता है.
India-US Trade Deal: यूएस इंडिया स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप फोरम के सलाहकार मार्क लिंस्कॉट ने कहा है कि उन्हें विश्वास है कि भारत और अमेरिका के बीच एक अंतरिम व्यापार समझौता जल्द ही होगा क्योंकि दोनों देश "आवश्यक समझौते" पर पहुंच गए हैं. लिंस्कॉट अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की पिछले सरकार में भारत के साथ अंतरिम व्यापार समझौते की संभावना तलाशने के लिए बनाए गए अमेरिकी पक्ष के पहले वार्ताकार थे.
मार्क लिंस्कॉट ने NDTV के साथ अपने एक इंटरव्यू में कहा, "आपने पहले एक मिनी डील या एक मेगा व्यापार समझौते का जिक्र किया था. इसके बीच में कुछ होगा. मुझे लगता है कि यह मिनी डील से अधिक होगा. मुझे लगता है कि यह टैरिफ में कटौती के मामले में काफी महत्वपूर्ण होगा. यह औद्योगिक पर ध्यान केंद्रित कर सकता है, लेकिन इसमें कृषि पर कुछ फैसले शामिल होंगे. मुझे नहीं लगता कि इसमें डेयरी शामिल होगी. मुझे नहीं लगता कि इसमें गेहूं शामिल होगा. मुझे पता है कि हाल के दिनों में कृषि पर उन दो उप-क्षेत्रों पर बहुत अधिक प्रेस का ध्यान गया है. मुझे लगता है कि बड़े पैमाने पर वे स्ट्रॉ मैन (तर्क को गलत तरीके से पेश करना) हैं."
गौरतलब है कि जहां भारत अपने श्रम-गहन सामानों के लिए अमेरिका में अधिक बाजार पहुंच की मांग कर रहा है, वहीं अमेरिका अपने कृषि उत्पादों के लिए भारत के अंदर टैरिफ में रियायतें चाहता है. दोनों देशों के बीच यह व्यापार वार्ता महत्वपूर्ण है क्योंकि अमेरिका ने जो रेसिप्रोकल टैरिफ रोक रखा है, वह 9 जुलाई को समाप्त हो रहा है. दोनों पक्ष उससे पहले वार्ता को अंतिम रूप देने पर विचार कर रहे हैं. नहीं तो भारतीय सामानों पर फिर से हाई टैरिफ लगने लगेगा.
मार्क लिंस्कॉट ने NDTV से कहा, "भारत विशेष है. यह एक ऐसा बाजार है जो लगभग किसी भी अन्य बाजार से अधिक मायने रखता है. भारत एक सहयोगी है जिसका अमेरिकी रणनीतिक नीतियों में एक विशेष स्थान है. मुझे लगता है कि अमेरिकी प्रशासन की ओर से इसे पूरा करने की वास्तविक इच्छा है. यह एक अलग तरह का समझौता है जिस पर लगभग हर अन्य व्यापारिक भागीदार की तुलना में बातचीत की जा रही है, चाहे वह कोरिया हो या जापान या यूरोपीय संघ."
उनके अनुसार, अंतरिम व्यापार समझौते का उद्देश्य एक ऐसा समझौता है जो कायम रहेगा, दोनों के लिए सकारात्मक होगा और एक व्यापक मेगा डील, एक द्विपक्षीय व्यापार समझौते पर आधारित होगा.
मार्क लिंस्कॉट ने कहा, ".मुझे लगता है कि हम भविष्य में बहुत बड़ी वार्ता देखेंगे. परंपरागत रूप से, वे अलग-अलग रहे हैं. परंपरागत रूप से, वे अलग-अलग ट्रैक पर रहे हैं. कई मामलों में, कई प्रशासनों को पीछे देखते हुए, व्यापार उस ट्रैक पर था जिसे रणनीतिक पक्ष जितना महत्वपूर्ण नहीं देखा गया था. मुझे लगता है कि वे एक साथ आ रहे हैं."
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