भारत में 16 जनवरी से कोरोनावायरस से बचाव को वैक्सीनेशन प्रक्रिया (Coronavirus Vaccinatation in India) शुरू हो रही है. पहले चरण में 30 करोड़ लोगों को वैक्सीन लगाने की तैयारी की जा रही है. जुलाई तक इस काम को पूरा कर लिया जाएगा. अमेरिका की कुल आबादी करीब 30 करोड़ है. भारत में शुरूआती चरण में 30 करोड़ स्वास्थ्यकर्मियों, फ्रंटलाइन वर्कर्स और अन्य बेहद जरूरतमंद लोगों को वैक्सीन दी जाएगी. जुलाई तक इस काम को पूरा करने के बाद देश के अन्य नागरिकों को वैक्सीन लगाई जाएगी.
वैक्सीनेशन के काम के लिए देश के 700 से ज्यादा जिलों में करीब 1.5 लाख स्वास्थ्यकर्मियों को विशेष ट्रेनिंग दी गई है. टीकाकरण का काम बगैर किसी रुकावट के जारी रहे, इसके लिए दो बार ड्राई रन भी किया जा चुका है. देश में अन्य वैक्सीन कार्यक्रमों की तरह इसको भी अंजाम दिया जाएगा.
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नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ इम्युनोलॉजी के सत्यजीत रथ कहते हैं कि सामान्य तौर पर बच्चों को लगाई जाने वाली अन्य वैक्सीन से जुड़े कार्यक्रमों की तुलना में कोरोना का वैक्सीनेशन काफी चुनौतीपूर्ण होगा. देश में सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया की कोरोना वैक्सीन कोविशील्ड (Covishield) और भारत बायोटेक की कोवैक्सीन (Covaxin) को आपातकालीन स्थिति के लिए मंजूरी दी गई है.
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बताते चलें कि कोरोना की वैक्सीन को हमेशा ठंडे स्थान पर रखना होगा. तैयारियों के मद्देनजर देश में 29,000 कोल्ड चेन पॉइंट, 240 वॉक-इन कूलर, 70 वॉक-इन फ्रीजर, 45,000 आइसलाइन फ्रीजर, 41,000 डीप फ्रीजर और 300 सोलर रेफ्रिजरेटरों का इंतजाम किया गया है. गर्मी के मौसम में स्वास्थ्यकर्मियों के लिए वैक्सीनेशन का काम वाकई किसी चुनौती के कम नहीं होगा.
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