अमेरिकी राजदूत रिचर्ड वर्मा ने बुधवार को समावेशी आर्थिक विकास में एक अग्रणी के रूप में भारत के उदय की सराहना करते हुए कहा कि भारत दक्षिण एशिया में संपर्क मजबूत करने में महती भूमिका निभा सकता है।
वर्मा ने यहां दक्षिण एशिया के बीच आपसी संपर्क पर आयोजित एक संगोष्ठी में कहा, 'यह गौरतलब है कि भारत समावेशी आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के लिए नीतियां बनाने में क्षेत्र में अग्रणी के रूप में उभर रहा है। राष्ट्रपति बराक ओबामा ने यहां की यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन धन वित्तीय समावेशी कार्यक्रम की सराहना की थी।'
वर्मा ने गत महीने मुंबई से बाहर मछुआरों के एक छोटे-से गांव में एक आधार केंद्र की यात्रा का स्मरण करते हुए कहा, 'हमें यह देखने का अवसर मिला है कि पुरुष और महिलाओं के लिए आधुनिक बायोमेट्रिक आईडेंटिफिकेशन कार्ड मिलने का क्या मतलब होता है।' वर्मा ने कहा कि यूएस एजेंसी फॉर इंटरनेशनल डेवलपमेंट (यूएसएआईडी) और मोदी सरकार एक समझौते की कोशिश कर रही है, जिसके तहत प्रमुख अमेरिकी, भारतीय और अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के साथ समावेशी डिजिटल अर्थव्यवस्था बनाने के लिए साझेदारी की जाएगी।
वर्मा ने उन लोगों के समावेशीकरण पर जोर दिया, जो राजनीतिक प्रक्रियाओं से कटे हुए हैं और उन्होंने कहा कि बेहतर आर्थिक प्रशासन, सरल और पारदर्शी व्यापार तथा आर्थिक नीति इस क्षेत्र में व्यापार बढ़ाने के लिए जरूरी है।
उन्होंने कहा कि यह भी एक बात है, जिसके कारण अमेरिका ने विश्व व्यापार संगठन में व्यापार सुविधा समझौता (टीएफए) में सहायता की थी। टीएफए से बाधाएं दूर होंगी और नए अवसर तैयार होंगे। इससे विकसित देशों के लिए व्यापार का खर्च 10 फीसदी घट सकता है, जबकि विकासशील देशों के लिए व्यापार खर्च 14 फीसदी घट सकता है।
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