सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) के डीजी सुरजीत सिंह देसवाल.
नई दिल्ली:
भारत और चीन के बीच डोकलाम विवाद के बाद सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश में निगरानी के लिए सशस्त्र सीमा बल की 18 नई चौकियां बनाई गई हैं. इनमें एक हजार से ज़्यादा जवान तैनात किए गए हैं.
एसएसबी के डीजी सुरजीत सिंह देसवाल ने डोकलाम के आसपास जवानों की तैनाती के बारे में कुछ भी बोलने से मना कर दिया लेकिन इतना जरूर कहा कि अत्यधिक संवेदनशील सीमाओं पर अधिक जवानों की तैनाती की गई है.
1751 किलोमीटर लंबी भारत-नेपाल सीमा और 639 किलोमीटर लंबी भारत-भूटान सीमा की निगरानी करने वाले बल की इस साल 72 नई बीओपी यानी कि बार्डर आउट पोस्ट खोली गई हैं. इनमें से तीन सिक्किम में और 15 अरुणाचल प्रदेश में हैं. यह चौकियां भूटान की सीमा के पास हैं. इससे देश में कुल चौकियों की संख्या 708 तक पहुंच गई है.
एसएसबी के मुताबिक दूरदराज की सभी चौकियों तक सड़क के जरिए संपर्क बनाना सरकार की प्राथमिकता है. इस दिशा में पुरजोर कोशिश हो रही है. केवल सड़क ही नहीं बल्कि हर पोस्ट पर बिजली आपूर्ति सुनिश्चित की गई है.
सिक्किम सेक्टर में चीन और भूटान से लगते ट्राइजंक्शन डोकलाम में पिछले साल चीनी सैनिकों के सामने भारतीय सैनिक लगभग ढाई महीने तक डटे रहे. बाद में जाकर बड़ी मुश्किल से दोनों देशों की सेनाएं वापस अपने इलाकों में लौटीं और संबंध सामान्य हुए. एसएसबी की यह नई चौकियां भूटान एवं नेपाल के चीन से लगते सीमा क्षेत्रों में निगरानी के लिए ही बनाई गई हैं ताकि किसी भी अप्रिय हालात से निपटा जा सके.
एसएसबी के डीजी सुरजीत सिंह देसवाल ने डोकलाम के आसपास जवानों की तैनाती के बारे में कुछ भी बोलने से मना कर दिया लेकिन इतना जरूर कहा कि अत्यधिक संवेदनशील सीमाओं पर अधिक जवानों की तैनाती की गई है.
1751 किलोमीटर लंबी भारत-नेपाल सीमा और 639 किलोमीटर लंबी भारत-भूटान सीमा की निगरानी करने वाले बल की इस साल 72 नई बीओपी यानी कि बार्डर आउट पोस्ट खोली गई हैं. इनमें से तीन सिक्किम में और 15 अरुणाचल प्रदेश में हैं. यह चौकियां भूटान की सीमा के पास हैं. इससे देश में कुल चौकियों की संख्या 708 तक पहुंच गई है.
एसएसबी के मुताबिक दूरदराज की सभी चौकियों तक सड़क के जरिए संपर्क बनाना सरकार की प्राथमिकता है. इस दिशा में पुरजोर कोशिश हो रही है. केवल सड़क ही नहीं बल्कि हर पोस्ट पर बिजली आपूर्ति सुनिश्चित की गई है.
सिक्किम सेक्टर में चीन और भूटान से लगते ट्राइजंक्शन डोकलाम में पिछले साल चीनी सैनिकों के सामने भारतीय सैनिक लगभग ढाई महीने तक डटे रहे. बाद में जाकर बड़ी मुश्किल से दोनों देशों की सेनाएं वापस अपने इलाकों में लौटीं और संबंध सामान्य हुए. एसएसबी की यह नई चौकियां भूटान एवं नेपाल के चीन से लगते सीमा क्षेत्रों में निगरानी के लिए ही बनाई गई हैं ताकि किसी भी अप्रिय हालात से निपटा जा सके.
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