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क्या ट्रंप के टैरिफ का निकलेगा हल... दिल्ली में भारत-अमेरिका की बड़ी बैठक, विपक्ष ने भी दिया सरकार का साथ

वाणिज्य राज्य मंत्री जितिन प्रसाद ने मंगलवार को कहा कि वाणिज्य राज्य मंत्री जितिन प्रसाद ने कहा कि दोनों देश पारस्परिक रूप से लाभकारी, बहु-क्षेत्रीय द्विपक्षीय व्यापार समझौते पर बातचीत करने की योजना बना रहे हैं. दोनों देश मार्किट एक्सेस बढ़ाने, टैरिफ और गैर-टैरिफ बाधाओं को कम करने, सप्लाई चेन इंटीग्रेशन को बढ़ाने और द्विपक्षीय व्यापार से जुड़े मुद्दों को हल करने पर फोकस करेंगे.

क्या ट्रंप के टैरिफ का निकलेगा हल... दिल्ली में भारत-अमेरिका की बड़ी बैठक, विपक्ष ने भी दिया सरकार का साथ

भारत और अमेरिका के बीच बुधवार को प्रस्तावित द्विपक्षीय व्यापार समझौता (Bilateral Trade Agreement) के 'टर्म्स ऑफ रिफरेन्स' को तय करने के लिए बातचीत शुरू हुई. बैठक में अमेरिका की तरफ से Assistant Trade Representative Brendan Lynch भाग ले रहे हैं. बैठक में दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार बढ़ाने के लिए टैरिफ और नॉन-टैरिफ बाधाओं  को नए सिरे से पुनर्गठित करने पर विचार हो रहा है.

बैठक से ठीक पहले संसद में दिए एक बयान में वाणिज्य राज्य मंत्री जितिन प्रसाद ने मंगलवार को कहा कि वाणिज्य राज्य मंत्री जितिन प्रसाद ने कहा कि दोनों देश पारस्परिक रूप से लाभकारी, बहु-क्षेत्रीय द्विपक्षीय व्यापार समझौते पर बातचीत करने की योजना बना रहे हैं. दोनों देश मार्किट एक्सेस बढ़ाने, टैरिफ और गैर-टैरिफ बाधाओं को कम करने, सप्लाई चेन इंटीग्रेशन को बढ़ाने और द्विपक्षीय व्यापार से जुड़े मुद्दों को हल करने पर फोकस करेंगे.

ये बैठक ऐसे समय पर हो रही है जब भारत और दूसरे देशों के खिलाफ रेसिप्रोकल टैरिफ लगाने की डेडलाइन 2 अप्रैल करीब आ रही है. न्यूज एजेंसी रायटर्स के मुताबिक भारत अमेरिका से आयात होने वाले लगभग आधे सामानों पर 23 बिलियन डॉलर तक आयात घटाने के विकल्प पर विचार कर रहा है.

विदेश मामलों पर संसदीय स्थायी समिति के अध्यक्ष शशि थरूर ने NDTV से कहा कि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि वह 2 अप्रैल से भारत पर रिसिप्रोकल टैरिफ लगाएंगे. भारत का अमेरिका के साथ करीब 45 बिलियन डॉलर का ट्रेड सरप्लस है. रिसिप्रोकल टैरिफ के मामले में भारत को कुछ कठिनाई हो सकती है. अगले तीन-चार दिन भारत और अमेरिका के अधिकारियों के बीच होने वाली बातचीत बेहद महत्वपूर्ण है. हमें उम्मीद करनी चाहिए कि भारत को ज्यादा कठिनाई नहीं होगी.

सरकारी सूत्रों के मुताबिक भारत सरकार ने ट्रम्प प्रशासन के साथ टैरिफ के सवाल पर बातचीत के जरिये एक लाइन ऑफ कम्युनिकेशन खोला है. ऑटोमोबाइल जैसे सेक्टर में भारत ने हाई टैरिफ लगाए हैं जिसको लेकर अमेरिका अपनी नाराजगी जता चुका है. लेकिन चीन, कनाडा, मेक्सिको और EU के मुकाबले भारत का ट्रेड डेफिसिट काफी कम है. ऐसे में अमेरिका रेसिप्रोकाल टैरिफ लगाएगा इसकी संभावना कम है.

साथ ही अमेरिका ने भी कई प्रोडक्ट्स पर गैर-टैरिफ बैरियर्स लगाए हैं जिसको लेकर भारत चिंतित है. आरजेडी के सांसद मनोज झा ने NDTV से कहा कि टैरिफ को लेकर सदन में कई सांसदों ने चिंता जताई है. टैरिफ के मुद्दे पर सरकार और विपक्ष एकजुट हैं. ये संदेश अमेरिका को जाना चाहिए.

एक्सपोर्टरों की संस्था Federation of Indian Export Organizations के आंकलन के मुताबिक अमेरिका अगर भारतीय प्रोडक्ट्स पर टैरिफ बढ़ाता है तो सबसे ज्यादा प्रभावित जेम्स एंड ज्वेलरी और ऑटो कंपोनेंट सेक्टर हो सकते हैं.

भारत अमेरिका द्विपक्षीय व्यापार

  • सबसे ज्यादा 23% ड्यूटी डिफरेंशियल Auto Component सेक्टर में है.
  • अगर ट्रंप प्रशासन ऑटो कॉम्पोनेंट प्रोडक्ट्स पर Tariff बढ़ता है तो इसका सबसे ज्यादा असर ऑटो कंपोनेंट सेक्टर पर पड़ेगा.
  • भारत से सबसे ज्यादा एक्सपोर्ट Gems & Jewellery सेक्टर में होता है
  • इस सेक्टर में अभी ड्यूटी डिफरेंशियल 13.1% है.
  • अगर अमेरिका टैरिफ बढ़ता है तो इसका सबसे ज्यादा वैल्यू के दृष्टिकोण से असर जेम्स एंड ज्वेलरी सेक्टर पर पड़ेगा.

सेंट्रल बोर्ड ऑफ इंडिरेक्ट टैक्सेज और कस्टम्स  के मुताबिक भारत में अमेरिका से जिन महत्वपूर्ण प्रोडक्ट्स का आयात किया जाता है. उन पर TARIFF या तो बहुत कम है या बिल्कुल नहीं है. क्रूड ऑयल पर नहीं के बराबर ड्यूटी है. Coal पर 2.5% है. डायमंड पर 0% से 2.5% है. पेट्रोकेमिकल्स पर import duty 7.5% और LNG पर 5% है.

भारत और अमेरिका एक नए बिलैटरल ट्रेड एग्रीमेंट के जरिए जो द्विपक्षीय व्यापार को मौजूद 190 बिलियन डॉलर से बढ़ाकर 2030 तक 500 बिलीयन डॉलर तक बढ़ाना चाहते हैं. अब दोनों देशों के सामने अगली चुनौती टैरिफ और गैर-टैरिफ बैरियर्स पर आपसी मतभेद को जल्दी दूर करने की होगी.  

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