लखनऊ:
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में समाजवादी पार्टी के मुखिया मुलायम सिंह यादव का बेटा बनकर एक शख्स ट्रांसफर पोस्टिंग का धंधा चला रहा था। हमारे संवाददाता के अनुसार इस शातिर शख्स ने प्रतीक यादव बनकर अपने नाम से एक सिम खरीदा और ट्रू कॉलर में उसका नाम प्रतीक यादव आने लगा। इसके बाद वह इसी नंबर से फोन कर तमाम सरकारी महकमों में अपना काम करवाने लगा। इस शख्य का एक साथी भी इसके इस काम में मदद कर रहा था।
जानकारी के अनुसार लखनऊ पुलिस ने दो ऐसे शातिरों को गिरफ्तार किया है जो खुद को मुलायम सिंह यादव का बेटा बताकर ट्रांसफर-पोस्टिंग के जरिये करोड़ों की वसूली करते थे।
गौतमपल्ली थाने की पुलिस ने दो शातिर जालसाजों को गिरफ्तार किया है। राम शंकर शाक्य और इकराम हुसैन नाम के इन जालसाजों पर ट्रांसफर-पोस्टिंग सिंडिकेट के जरिये करोड़ों रुपये वसूलने का आरोप लगाया गया है।
इस मामले में रामशंकर प्रमुख आरोपी है और इकराम हुसैन उसका साथी है। बताया जा रहा है कि शाक्य खुद को वरिष्ठ आईएएस अधिकारी बताता था। आरोपी के हौसले इतने बुलंद थे कि उसने लखनऊ सबसे शानदार इलाके हजरतगंज के कसमंडा अपार्टमेंट में एक ऑफ़िस भी खोल रखा था। ऑफिस के बाहर नेम प्लेट में अपने नाम के साथ IAS लिख रखा था।
बताया जा रहा है कि कई तबादलों को करवा लेने के बाद इनके इरादे आसमान को छूने के हो गए और आरोपियों ने खनन के ठेके के लिए यूपी के कैबिनेट मंत्री तक को भी फोन कर दबाव डाला, जिसके बाद शक होने पर मंत्री के निजी सहायक ने गौतमपल्ली थाने में मुक़दमा दर्ज कराया। साइबर सेल ने जांच की और अब दोनों पुलिस की गिरफ्त में हैं।
जानकारी के अनुसार लखनऊ पुलिस ने दो ऐसे शातिरों को गिरफ्तार किया है जो खुद को मुलायम सिंह यादव का बेटा बताकर ट्रांसफर-पोस्टिंग के जरिये करोड़ों की वसूली करते थे।
गौतमपल्ली थाने की पुलिस ने दो शातिर जालसाजों को गिरफ्तार किया है। राम शंकर शाक्य और इकराम हुसैन नाम के इन जालसाजों पर ट्रांसफर-पोस्टिंग सिंडिकेट के जरिये करोड़ों रुपये वसूलने का आरोप लगाया गया है।
इस मामले में रामशंकर प्रमुख आरोपी है और इकराम हुसैन उसका साथी है। बताया जा रहा है कि शाक्य खुद को वरिष्ठ आईएएस अधिकारी बताता था। आरोपी के हौसले इतने बुलंद थे कि उसने लखनऊ सबसे शानदार इलाके हजरतगंज के कसमंडा अपार्टमेंट में एक ऑफ़िस भी खोल रखा था। ऑफिस के बाहर नेम प्लेट में अपने नाम के साथ IAS लिख रखा था।
बताया जा रहा है कि कई तबादलों को करवा लेने के बाद इनके इरादे आसमान को छूने के हो गए और आरोपियों ने खनन के ठेके के लिए यूपी के कैबिनेट मंत्री तक को भी फोन कर दबाव डाला, जिसके बाद शक होने पर मंत्री के निजी सहायक ने गौतमपल्ली थाने में मुक़दमा दर्ज कराया। साइबर सेल ने जांच की और अब दोनों पुलिस की गिरफ्त में हैं।
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