कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने अपनी कथित ‘‘दोहरी नागरिकता’’ के मुद्दे पर लोकसभा की एक समिति की ओर से भेजे गए नोटिस का जवाब दाखिल कर दिया है। अपने जवाब में राहुल ने एक ऐसी शिकायत का संज्ञान लेने के समिति के फैसले पर सवाल उठाए जो ‘‘सही नहीं थी।’’ उन्होंने भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी को भी इस बात की चुनौती दी कि वह उनका ब्रिटिश पासपोर्ट नंबर और अन्य संबंधित दस्तावेज सार्वजनिक करें।
भाजपा के वरिष्ठ नेता लाल कृष्ण आडवाणी की अध्यक्षता वाली आचार समिति की ओर से भेजे गए नोटिस के जवाब में राहुल ने यह भी कहा कि शिकायतकर्ता ने इस मुद्दे पर ‘‘सरासर गुमराह’’ किया है।
समिति सचिवालय को 23 मार्च को दिए गए अपने जवाब में कांग्रेस उपाध्यक्ष ने कहा, ‘‘मुझे हैरत हो रही है कि आचार समिति ने एक ऐसी शिकायत का संज्ञान लिया जो सही नहीं है। यह मुझे बदनाम करने की कोशिश है। मैंने न तो कभी ब्रिटिश नागरिकता मांगी है और न ही कभी ली है। मेरी पहचान एक भारतीय की है।’’ इस वाकये से करीबी तौर पर जुड़े सूत्रों के मुताबिक, राहुल ने मांग की कि शिकायतकर्ता अपना आरोप साबित करने के लिए सबूत पेश करें और अपनी दलीलों के समर्थन में एक हलफनामा दाखिल करें।
राहुल ने कहा, ‘‘अपनी दलील के समर्थन में वह जिस दस्तावेज पर भरोसा कर रहे हैं उसमें कहीं नहीं लिखा है कि मैंने खुद को कभी ब्रिटिश नागरिक घोषित किया है।’’ उन्होंने कहा कि यह साफ हो चुका है कि शिकायतकर्ता ने ‘‘सरासर गुमराह किया’’ है।
राहुल ने कहा कि नागरिकता एक तथ्य होती है और यदि उन्होंने कभी ब्रिटिश नागरिकता मांगी या हासिल की तो वह ब्रिटिश गृह कार्यालय के आधिकारिक दस्तावेजों का हिस्सा होगी। उन्होंने कहा, ‘‘शिकायत दर्ज कराने से पहले स्रोत से तथ्य का पता लगाया जा सकता था।’’ सूत्रों ने नोटिस पर राहुल की ओर से दाखिल किए गए जवाब के हवाले से बताया, ‘‘मैं श्री स्वामी से अनुरोध करता हूं कि वह राहुल गांधी के कथित ब्रिटिश पासपोर्ट नंबर और संबंधित दस्तावेजों को सार्वजनिक कर उनके ब्रिटिश नागरिक होने के सबूत सामने लाएं।’’
आडवाणी की अध्यक्षता वाली आचार समिति ने मार्च के दूसरे हफ्ते में राहुल को नोटिस जारी कर उस आरोप पर उनका जवाब मांगा था जिसमें कहा गया था कि कांग्रेस उपाध्यक्ष ने ब्रिटेन की एक कंपनी में निदेशक का पद हासिल करने के लिए खुद को ब्रिटिश नागरिक घोषित किया था।
इससे पहले, जनवरी के पहले हफ्ते में लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने भाजपा सांसद महेश गिरी द्वारा की गई शिकायत को आचार समिति के पास भेज दिया था। गिरी ने अपनी पार्टी के सहकर्मी सुब्रमण्यम स्वामी के इस आरोप की ‘‘उचित जांच’’ का अनुरोध किया था जिसमें कहा गया था कि ब्रिटेन में एक कंपनी बनाने के लिए राहुल ने खुद को ब्रिटिश नागरिक घोषित किया था।
स्वामी ने पिछले नवंबर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी पत्र लिखकर राहुल की नागरिकता पर सवाल उठाए थे।
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
भाजपा के वरिष्ठ नेता लाल कृष्ण आडवाणी की अध्यक्षता वाली आचार समिति की ओर से भेजे गए नोटिस के जवाब में राहुल ने यह भी कहा कि शिकायतकर्ता ने इस मुद्दे पर ‘‘सरासर गुमराह’’ किया है।
समिति सचिवालय को 23 मार्च को दिए गए अपने जवाब में कांग्रेस उपाध्यक्ष ने कहा, ‘‘मुझे हैरत हो रही है कि आचार समिति ने एक ऐसी शिकायत का संज्ञान लिया जो सही नहीं है। यह मुझे बदनाम करने की कोशिश है। मैंने न तो कभी ब्रिटिश नागरिकता मांगी है और न ही कभी ली है। मेरी पहचान एक भारतीय की है।’’ इस वाकये से करीबी तौर पर जुड़े सूत्रों के मुताबिक, राहुल ने मांग की कि शिकायतकर्ता अपना आरोप साबित करने के लिए सबूत पेश करें और अपनी दलीलों के समर्थन में एक हलफनामा दाखिल करें।
राहुल ने कहा, ‘‘अपनी दलील के समर्थन में वह जिस दस्तावेज पर भरोसा कर रहे हैं उसमें कहीं नहीं लिखा है कि मैंने खुद को कभी ब्रिटिश नागरिक घोषित किया है।’’ उन्होंने कहा कि यह साफ हो चुका है कि शिकायतकर्ता ने ‘‘सरासर गुमराह किया’’ है।
राहुल ने कहा कि नागरिकता एक तथ्य होती है और यदि उन्होंने कभी ब्रिटिश नागरिकता मांगी या हासिल की तो वह ब्रिटिश गृह कार्यालय के आधिकारिक दस्तावेजों का हिस्सा होगी। उन्होंने कहा, ‘‘शिकायत दर्ज कराने से पहले स्रोत से तथ्य का पता लगाया जा सकता था।’’ सूत्रों ने नोटिस पर राहुल की ओर से दाखिल किए गए जवाब के हवाले से बताया, ‘‘मैं श्री स्वामी से अनुरोध करता हूं कि वह राहुल गांधी के कथित ब्रिटिश पासपोर्ट नंबर और संबंधित दस्तावेजों को सार्वजनिक कर उनके ब्रिटिश नागरिक होने के सबूत सामने लाएं।’’
आडवाणी की अध्यक्षता वाली आचार समिति ने मार्च के दूसरे हफ्ते में राहुल को नोटिस जारी कर उस आरोप पर उनका जवाब मांगा था जिसमें कहा गया था कि कांग्रेस उपाध्यक्ष ने ब्रिटेन की एक कंपनी में निदेशक का पद हासिल करने के लिए खुद को ब्रिटिश नागरिक घोषित किया था।
इससे पहले, जनवरी के पहले हफ्ते में लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने भाजपा सांसद महेश गिरी द्वारा की गई शिकायत को आचार समिति के पास भेज दिया था। गिरी ने अपनी पार्टी के सहकर्मी सुब्रमण्यम स्वामी के इस आरोप की ‘‘उचित जांच’’ का अनुरोध किया था जिसमें कहा गया था कि ब्रिटेन में एक कंपनी बनाने के लिए राहुल ने खुद को ब्रिटिश नागरिक घोषित किया था।
स्वामी ने पिछले नवंबर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी पत्र लिखकर राहुल की नागरिकता पर सवाल उठाए थे।
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
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