मुंबई की एक कॉलेज की छात्रा ने उसके द्वारा दर्ज कराए गए यौन उत्पीड़न के एक केस को सुलझाने पर मुंबई पुलिस को पत्र लिखकर धन्यवाद बोला है. छात्रा ने बताया है कि पांच महीने पहले वह अपने घर के पास सार्वजनिक स्थान पर टहल रही थी. वहीं एक व्यक्ति ने उसका यौन उत्पीड़न किया. चिल्लाने पर आरोपी भाग गया. इसके बाद उसने गामदेवी पुलिस स्टेशन में इसकी शिकायत दर्ज कराई. पुलिस ने उसके साथ जाकर मौके पर जांच भी की, मगर आरोपी वहां नहीं मिला. इसके बाद पुलिस ने आरोपी के हुलिए के बारे में छात्रा से पूछताछ की. उस समय मुझे लगा कि अब इस मामले में शायद आगे कुछ नहीं हो सकेगा.
पांच महीनों तक लगातार कई धुंधली सीसीटीवी फुटेज की पहचान के लिए मुझे पुलिस स्टेशन बुलाया जाता रहा. मुझे डर था कि शायद मैं ही उस आदमी को पहचान नहीं पा रही हूं और अब इन सबसे कुछ नहीं होने वाला. आज घटना के लगभग पांच बाद गामदेवी पुलिस स्टेशन के संदीप माने ने उसी आदमी की तस्वीरों के साथ संपर्क किया. उन्हें यकीन था कि वह आरोप ही है और जब मैंने तस्वीरें देखीं तो यह सच में वही था.
छात्रा ने मुंबई पुलिस को लिखे पत्र में लिखा, 'धन्यवाद उसे पकड़ने के लिए. मैंने हार मान ली थी लेकिन गामदेवी पुलिस स्टेशन के लोगों ने नहीं. मैं मुंबई पुलिस स्टेशन के सभी प्रयासों के लिए हमेशा आभारी हूं. वे मेरी शिकायत के प्रति बहुत गंभीर थे. वे तब तक नहीं रुके, जब तक उन्होंने आरोपी को पकड़ नहीं लिया'. छात्रा ने कहा कि यदि आप भी कभी इसी तरह की घटना की रिपोर्ट करने में झिझकते हैं तो मैं आपको इसके लिए प्रोत्साहित करती हूं. आप तत्काल परिणाम की उम्मीद नहीं कर सकते लेकिन आप निरंतर और लगातार प्रयास की उम्मीद कर सकते हैं. ऐसे प्रयास आपको सुरक्षित और ज्यादा आत्मविश्वासी बनाएंगे.
पुलिस ने 100 दिनों तक तलाश करने के बाद आरोपी को 6 अक्टूबर को गिरफ्तार किया. गिरफ्तारी के 24 घंटे के अंदर उसके खिलाफ चार्जशीट दायर की गई. अदालत ने दो दिनों के परीक्षण के बाद अपना फैसला सुनाया. छात्रा की गवाही के बाद छह माह की जेल और 500 रुपये का जुर्माने की सजा अदालत ने आरोपी को दी.
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