भारत में लोकतंत्र मर गया होता तो क्या आप हर रोज प्रधानमंत्री को गाली दे रहे होते : आचार्य प्रमोद कृष्णम

प्रमोद कृष्णम ने आगे कहा कि वृंदावन में मंदिर बनना, अयोध्या में मंदिर बनना, काशी में मंदिर बनना, पुरी में मंदिर बनना, हरिद्वार में मंदिर बनना बहुत आसान है, लेकिन, अबू धाबी में जहां हजार वर्ष पहले चुन-चुनकर मंदिरों को तोड़ा गया था,

भारत में लोकतंत्र मर गया होता तो क्या आप हर रोज प्रधानमंत्री को गाली दे रहे होते : आचार्य प्रमोद कृष्णम

नई दिल्ली:

कांग्रेस से निलंबित और कल्कि पीठाधीश्वर आचार्य प्रमोद कृष्णम ने आईएएनएस से साक्षात्कार में कांग्रेस समेत विपक्षी दलों पर जमकर प्रहार किया. उन्होंने कहा कि अगर भारत में लोकतंत्र मर गया होता तो क्या आप हर रोज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को गाली दे रहे होते. उन्होंने आगे बताया कि मैं अभी अबू धाबी दुबई से होकर आया हूं. वहां हुकूमत के खिलाफ, सुल्तान के खिलाफ, कोई एक शब्द नहीं बोल सकता है. अगर कोई ऐसा करता है तो उसे जेल में डाल दिया जाएगा. दुनियाभर में भारत से अच्छा लोकतंत्र कहीं नहीं है.

आचार्य प्रमोद कृष्णम ने आईएएनएस से बातचीत करते हुए कहा कि आप रोज प्रधानमंत्री को गाली देते हैं, रोज आप प्रधानमंत्री को कोसते हैं, पानी पी-पी कर कोसते हैं. सारे इकट्ठा होकर कोसते हैं, इनका वन प्वाइंट एजेंडा है कि प्रधानमंत्री मोदी को गाली दो.

उन्होंने एक के बाद एक कई सवाल करते हुए पूछा, "आखिर नरेंद्र मोदी का गुनाह क्या है, क्या उनका गुनाह यह है कि वह सनातन की बात करते हैं? क्या उनका गुनाह यह है कि अयोध्या में 500 साल के संघर्ष के बाद उन्होंने राम मंदिर बनवाया, करोड़ों लोगों की भावनाओं का सम्मान किया? क्या उनका गुनाह यह है कि गल्फ कंट्री में मंदिर बनवाया? क्या उनका गुनाह यह है कि वह 140 करोड़ लोगों को न्याय देने की बात करते हैं? क्या उनका गुनाह यह है कि उन्होंने 80 करोड़ लोगों को मुफ्त राशन दिया है? क्या उनका गुनाह यह है कि कोरोना काल में 150 करोड़ लोगों को वैक्सीन लगवा दी?"

प्रमोद कृष्णम ने आगे कहा कि वृंदावन में मंदिर बनना, अयोध्या में मंदिर बनना, काशी में मंदिर बनना, पुरी में मंदिर बनना, हरिद्वार में मंदिर बनना बहुत आसान है, लेकिन, अबू धाबी में जहां हजार वर्ष पहले चुन-चुनकर मंदिरों को तोड़ा गया था, वहां मंदिर का निर्माण कराना बहुत ही आश्चर्यजनक है, एक अजूबा है, एक चमत्कार जैसा है और मुझे लगता है कि इसके लिए अबू धाबी की हुकूमत का धन्यवाद करना चाहिए. वहां के सुल्तान को इसका श्रेय जाता है और भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इसका पूरा श्रेय दिया जाना चाहिए, क्योंकि, 2014 से पहले और 2014 के बाद, यह सपना जैसा था. कोई कल्पना भी नहीं कर सकता था कि अबू धाबी में मंदिर का निर्माण हो सकता है.

उन्होंने आगे पीएम मोदी की प्रशंसा करते हुए कहा कि यूएई में, गल्फ में मंदिर का निर्माण भी हो सकता है, इतना भव्य मंदिर, इतना दिव्य मंदिर बन सकता है. मुझे लगता है कि प्रधानमंत्री मोदी ने विश्व के पटल पर भारत के गौरव को जो एक नई पहचान दी है, भारत को जो गौरवांवित करने का काम किया है, सनातन को गौरवांवित करने का काम किया है तो इसके लिए नरेंद्र मोदी को श्रेय देना चाहिए और मैं यह कहना चाहता हूं कि यह संभव नहीं हो पाता, अगर भारत के प्रधानमंत्री के पद पर नरेंद्र मोदी ना होते, तो, अयोध्या में भी भव्य राम मंदिर नहीं बन पाता. अबू धाबी का मंदिर नहीं बन पाता और कल्कि धाम का शिलान्यास भी नहीं हो पाता.

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उन्होंने कांग्रेस को लेकर कहा कि यह जो कांग्रेस है, वह कांग्रेस नहीं रही है, जो पहले की कांग्रेस थी. आज जो हम कांग्रेस को देख रहे हैं, यह कांग्रेस का विकृत और बिगड़ा स्वरूप है. आज कांग्रेसी होने का मतलब है जो देश के खिलाफ बोलता हो, उसे कांग्रेसी समझा जाता है. जो सनातन का विरोध करता है, उसे कांग्रेसी समझा जाता है. जो हिंदू नाम से चिढ़ता है, उसे कांग्रेसी समझा जाता है. जो राम के खिलाफ हो, उसे कांग्रेसी समझा जाता है. जो अयोध्या का विरोधी हो, उसे कांग्रेसी समझा जाता है, तो, यह कांग्रेस के बारे में जो लोगों का विचार बदला है, इसकी जिम्मेदारी किसकी है?



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