लखनऊ:
उत्तर प्रदेश सरकार ने आईएएस दुर्गा शक्ति नागपाल को बीती रात दस पन्नों की चार्जशीट दे दी। 28 वर्षीय इस अधिकारी पर राज्य सरकार ने 27 जुलाई को एक मस्जिद की दीवार गिराने का आदेश देकर सांप्रदायिक सदभाव को खतरे में डालने का आरोप लगाया है।
अपनी चार्जशीट में सरकार ने कहा है कि, रमजान के महीने में, जब सांप्रदायिक भावना काफी ज्यादा होती है, ऐसे में दुर्गा शक्ति नागपाल ने मस्जिद की दीवार को गिराने का आदेश दिया।
चार्जशीट के मुताबिक, नागपाल का निर्णय गलत समय लिया गया और इसमें दूरदृष्टि का अभाव था। इसके अलावा चार्जशीट में यह भी कहा गया है कि दुर्गा शक्ति ने यह दिखाया है कि उसमें प्रशासनिक सूझबूझ की कमी है।
सरकार का कहना है कि होना यह चाहिए था कि दुर्गा शक्ति को मस्जिद का निर्माण रुकवाना चाहिए था, ईद के त्योहार का इंतजार करना चाहिए था और फिर यह तय करना चाहिए था कि दीवार गिरानी है या नहीं...
राज्य सरकार के अधिकारियों का यह भी कहना है कि नागपाल के खिलाफ कथित रूप से स्थानीय लोगों द्वारा कराई गई उन शिकायतों की भी जांच की जा रही है, जिनमें दुर्गा शक्ति पर सार्वजनिक जमीन के अतिक्रमण और दो निजी पार्टियों के बीच सौदा करवाने के आरोप लगाए गए हैं।
अपनी चार्जशीट में सरकार ने कहा है कि, रमजान के महीने में, जब सांप्रदायिक भावना काफी ज्यादा होती है, ऐसे में दुर्गा शक्ति नागपाल ने मस्जिद की दीवार को गिराने का आदेश दिया।
चार्जशीट के मुताबिक, नागपाल का निर्णय गलत समय लिया गया और इसमें दूरदृष्टि का अभाव था। इसके अलावा चार्जशीट में यह भी कहा गया है कि दुर्गा शक्ति ने यह दिखाया है कि उसमें प्रशासनिक सूझबूझ की कमी है।
सरकार का कहना है कि होना यह चाहिए था कि दुर्गा शक्ति को मस्जिद का निर्माण रुकवाना चाहिए था, ईद के त्योहार का इंतजार करना चाहिए था और फिर यह तय करना चाहिए था कि दीवार गिरानी है या नहीं...
राज्य सरकार के अधिकारियों का यह भी कहना है कि नागपाल के खिलाफ कथित रूप से स्थानीय लोगों द्वारा कराई गई उन शिकायतों की भी जांच की जा रही है, जिनमें दुर्गा शक्ति पर सार्वजनिक जमीन के अतिक्रमण और दो निजी पार्टियों के बीच सौदा करवाने के आरोप लगाए गए हैं।
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