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This Article is From Sep 16, 2014

पार्टी के लिए नहीं बोलने का कांग्रेस का फरमान, तिवारी और अल्वी को नहीं आया रास

पार्टी के लिए नहीं बोलने का कांग्रेस का फरमान, तिवारी और अल्वी को नहीं आया रास
फाइल फोटो
नई दिल्ली:

कांग्रेस ने अपने अधिकृत प्रवक्ताओं को छोड़कर अन्य नेताओं के बोलने पर पाबंदी लगाने के लिए आज फरमान जारी कर दिया, तो पार्टी के दो वरिष्ठ नेताओं ने कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह समय आपस में लड़ने का और एक दूसरे को अपमानित करने का नहीं है।

अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के महासचिव और मीडिया विभाग के प्रमुख अजय माकन ने ट्विटर पर पांच वरिष्ठ प्रवक्ताओं और 13 प्रवक्ताओं की सूची जारी करते हुए कहा कि सिर्फ ये ही प्रवक्ता पार्टी की ओर से बोलने के लिए अधिकृत हैं।

कांग्रेस की इस कार्रवाई को पार्टी के गलियारों में तिवारी और अल्वी जैसे नेताओं पर रोकथाम के तौर पर देखा जा रहा है।

हालांकि पार्टी की ब्रीफिंग में कांग्रेस प्रवक्ता शकील अहमद ने बार बार इस बात का खंडन किया कि पार्टी किसी नेता विशेष के लिए विरोध का भाव रख रही है।

संवाददाताओं के सवालों का जवाब देते हुए शकील अहमद ने कहा कि पार्टी में 18 प्रवक्ता हैं और पार्टी का आधिकारिक पक्ष रखने के लिए वे अधिकृत हैं।

पिछले दिनों तिवारी और अल्वी के कुछ बयान पार्टी की आधिकारिक लाइन के अनुरूप नहीं माने गए। इसके अलावा युवा नेताओं में मीडिया में बोलने को लेकर आंतरिक प्रतिद्वंद्विता की भी चर्चाएं हैं।

कांग्रेस के आदेश को तवज्जो नहीं देते हुए तिवारी और अल्वी ने कहा कि वे अपने विचार व्यक्त करते रहेंगे और यह वक्त सांप्रदायिकता से लड़ने का है, ना कि आपस में लड़ने और एक-दूसरे को अपमानित करने का। तिवारी कुछ समय पहले तक मीडिया विभाग के कार्यवाहक अध्यक्ष थे वहीं अल्वी को पिछले साल प्रवक्ता पद से हटा दिया गया था।

तिवारी ने कहा कि उन्हें सार्वजनिक संवाद में शामिल होने के लिए अपने नाम के आगे किसी 'संज्ञा या विशेषण' की जरूरत नहीं है। वहीं अल्वी ने कहा कि कांग्रेस नेताओं को आपस में नहीं लड़ना चाहिए और एक-दूसरे को अपमानित नहीं करना चाहिए। इससे संकेत मिला कि मीडिया में बोलने को लेकर पार्टी के नेताओं में एक तरह की प्रतिद्वंद्विता है।

तिवारी ने लगातार किए गए तीन ट्वीट में कहा, 'मैं अक्तूबर 2012 में कांग्रेस का राष्ट्रीय प्रवक्ता होता था। जब मैं सार्वजनिक चर्चा में शामिल होता हूं तो एक सामान्य कांग्रेस कार्यकर्ता की तरह होता हूं जिसने 34 साल पार्टी की सेवा की है। मैं कुछ दृढ़ विश्वास रखता हूं।' उन्होंने कहा, 'जब उन पर (दृढ़ विश्वासों पर) चोट होती है तो मुझे सार्वजनिक संवाद में हस्तक्षेप करने में अपने नाम के आगे किसी संज्ञा या विशेषण की जरूरत नहीं है। मैं खुद को प्रवक्ता नहीं मानता।'

वहीं अल्वी ने कहा, 'मैं हमेशा सामान्य कार्यकर्ता के तौर पर कांग्रेस पार्टी का बचाव करता हूं और करता रहूंगा। मुझे लगता है कि यह मेरी जिम्मेदारी है क्योंकि गंभीर समय है और न केवल देश सांप्रदायिक ताकतों के हाथ में चला गया है बल्कि वे सांप्रदायिकता भी फैला रहे हैं।'

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