सात चरणों में होने वाले लोकसभा चुनाव के लिए मतदान 19 अप्रैल से शुरू होगा.
नागपुर: महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने रविवार को दावा किया कि उन्होंने इसलिए बगावत की क्योंकि उद्धव ठाकरे ने शिवसेना संस्थापक बाल ठाकरे की विचारधारा को त्याग दिया. नागपुर के रामटेक में शिवसेना कार्यकर्ताओं की एक बैठक को संबोधित करते हुए शिंदे ने कहा कि वह मुख्यमंत्री नहीं बनना चाहते थे लेकिन बाल ठाकरे की विचारधारा से समझौता होते देख उन्हें विद्रोह करना पड़ा.
शिंदे जून 2022 में उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना से अलग हो गए थे और उन्होंने भाजपा के समर्थन से सरकार बनाई. मुख्यमंत्री ने शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव पर कटाक्ष करते हुए कहा, ‘‘बालासाहेब ठाकरे हमें (पार्टी पदाधिकारियों को) दोस्त मानते थे लेकिन वह (उद्धव) हमें घरेलू सहायक समझने लगे.''
उन्होंने कहा कि एक पार्टी तब आगे बढ़ती है जब नेता घर पर बैठने के बजाय जमीनी स्तर के कार्यकर्ताओं तक पहुंचते हैं.
नरेंद्र मोदी को तीसरी बार प्रधानमंत्री बनाने के लिए लोगों से सत्तारूढ़ गठबंधन को वोट देने की अपील करते हुए शिंदे ने कहा कि विपक्षी गठबंधन महाविकास आघाड़ी (एमवीए) के पास विकास का कोई एजेंडा नहीं है.
सात चरणों में होने वाले लोकसभा चुनाव के लिए मतदान 19 अप्रैल से शुरू होगा. मतों की गिनती चार जून को होगी. चुनाव आयोग ने इसकी घोषणा करते हुए बताया था कि लगभग 29.7 करोड़ पात्र मतदाताओं ने 2019 के लोकसभा चुनावों में मतदान नहीं किया था. पिछले लोकसभा चुनाव में जिन 50 सीटों पर सबसे कम मतदान हुआ था, उनमें से 17 सीटें महानगरों या बड़े शहरों की थीं.