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This Article is From Sep 06, 2016

मैं रियो ओलिंपिक में दबाव नहीं झेल पाया : मुक्केबाज विकास कृष्ण

मैं रियो ओलिंपिक में दबाव नहीं झेल पाया : मुक्केबाज विकास कृष्ण
मुक्‍केबाज विकास कृष्‍ण का फाइल फोटो
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Summary is AI generated, newsroom reviewed.
75 किग्रा भार वर्ग के क्वार्टर फाइनल में हार का सामना करना पड़ा
विकास ने पहले दो मुकाबलों में जीत दर्ज की
क्वार्टर फाइनल में बेख्तामीर मेलिकुजीव से 0-3 से हार गये
मुंबई: मुक्केबाज विकास कृष्ण ने मंगलवार को कहा कि वह रियो ओलिंपिक में अपेक्षाओं का बोझ नहीं झेल पाये जहां उन्हें 75 किग्रा भार वर्ग के क्वार्टर फाइनल में हार का सामना करना पड़ा था. हरियाणा के 24 वर्षीय मुक्केबाज ने संवाददाता सम्मेलन में कहा, ''हम (मुक्केबाजों) पर हमेशा दबाव रहता है. मुझ पर काफी दबाव था और दबाव के कारण मैं रियो ओलिंपिक में अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाया.''

इस संवाददाता सम्मेलन में विकास के अलावा कांस्य पदक विजेता महिला पहलवान साक्षी मलिक और भाला फेंक के युवा एथलीट नीरज चोपड़ा भी उपस्थित थे. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अच्छा प्रदर्शन करने वाले विकास ने पहले दो मुकाबलों में जीत दर्ज की लेकिन क्वार्टर फाइनल में बेख्तामीर मेलिकुजीव से 0-3 से हार गये. मेलिकुजीव ने बाद में रजत पदक जीता.

उन्होंने कहा, ''मुझे बहुत दुख है कि मैं पदक नहीं जीत पाया. मेरा लक्ष्य ओलिंपिक खेलों में पदक जीतना है. मैं ओलंपिक पदक जीतने या फिर अपने भार वर्ग में बाहर होने की स्थिति में ही पेशेवर बनूंगा.''

विकास ने कहा कि देश में मान्यता प्राप्त मुक्केबाजी महासंघ नहीं होने से भी खिलाड़ियों को नुकसान हो रहा है. उन्होंने कहा, ''अभी मुक्केबाजी महासंघ नहीं है. जेएसडब्ल्यू स्पोर्ट्स ने मेरा सहयोग किया. मैं 75 किग्रा में खेलना जारी रखूंगा. 69 किग्रा तक आपका ध्यान तेजी पर रहता है लेकिन 75 किग्रा से ऊपर यह शक्ति का खेल बन जाता है.''

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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