'हुदहुद' चक्रवात से आंध्र प्रदेश और ओड़िशा के तटीय जिलों में भारी बारिश और करीब 200 किलोमीटर की रफ्तार से चली हवाओं के चलते आज चार लोगों की मौत हो गई। वहीं, विशाखापत्तनम में तबाही का मंजर है, जिसे इस शक्तिशाली तूफान ने सबसे ज्यादा प्रभावित किया है।
करीब साढ़े तीन लाख लोगों (आंध्र प्रदेश में ढाई लाख और ओड़िशा में एक लाख लोगों) को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है तथा हजारों लोगों को अभी सुरक्षित स्थानों और विशेष आश्रय स्थलों पर ले जाया जा रहा है।
प्रचंड हवाओं ने विशाखापट्टनम, श्रीकाकुलम और विजयनगरम जिलों को प्रभावित किया है। दोपहर से कुछ ही देर पहले चक्रवात के पहुंचने से वहां बिजली और संचार लाइनें ठप पड़ गयीं और सड़क एवं रेल संपर्क टूट गया जिससे जनजीवन पटरी से उतर गया।
पेड़ उखड़ गए और झुग्गी-झोपड़ियों की छतें तथा होर्डिंगें उड़ गईं। क्षेत्र में परिवहन सेवाएं ठहर गई। दर्जनों ट्रेनों को या तो रद्द कर दिया गया या उनके मार्ग में परिवर्तन कर दिया गया। क्षेत्र में विमानों की उड़ानें भी प्रभावित हुईं। सड़कें सुनसान नजर आई, क्योंकि दहशत के चलते लोग घरों से बाहर नहीं निकले।
आंध्र प्रदेश के राजस्व (आपदा प्रबंधन) विभाग के मुताबिक चक्रवात से विशाखापत्तनम में रेल लाइनें बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हुई हैं। इसके अलावा वहां हवाईअड्डे को भी नुकसान पहुंचा है।
आंध्र प्रदेश के राजस्व (आपदा प्रबंधन) विभाग के अनुसार हुदहुद के प्रभाव से दो लाख 48 हजार चार लोग प्रभावित हुए हैं। इससे 70 मकान क्षतिग्रस्त हुए और 34 जानवरों की जान गई है। इस दौरान 170-180 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चली तेज हवाओं के कारण विशाखापट्टनम में रेलवे पटरियां क्षतिग्रस्त हुई है, जबकि वहां हवाई अड्डे को भी नुकसान पहुंचा है। विभाग ने कहा कि विशाखापत्तनम में बड़ी संख्या में बिजली के खंभे और लाइनें क्षतिग्रस्त हुई हैं, जबकि संचार प्रणाली भी बाधित हुई है।
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