![भारत-बांग्लादेश समझौता : बस्तियों के निवासियों ने मनाया आजादी का जश्न भारत-बांग्लादेश समझौता : बस्तियों के निवासियों ने मनाया आजादी का जश्न](https://i.ndtvimg.com/i/2015-08/india-bangladesh-land-swap-celebrations_650x400_41438396108.jpg?downsize=773:435)
फाइल फोटो
कूच बिहार (पश्चिम बंगाल):
भारत और बांग्लादेश के बीच शुक्रवार की आधी रात 162 बस्तियों की अदला बदली होने के साथ ही छह दशकों से ज्यादा समय से इंतजार में बैठे 51 हजार लोगों को आजादी मिल गई।
रात के 12 बजते ही भारत में विलय हुईं बस्तियों में जश्न का माहौल था। लोग अपने घरों से बाहर आ गए, उन्होंने तिरंगा फहराया। लोग खुशी से नाच रहे थे। समझौते के तहत 111 भारतीय और 51 बांग्लादेशी बस्तियों का आदान प्रदान किया गया।
इन बस्तियों का आदान प्रदान दोनों देशों द्वारा भूमि सीमा समझौते पर हस्ताक्षर करने से संभव हो सका है। इन बस्तियों के करीब 51 हजार लोग दशकों से बिना किसी राष्ट्रीयता के (स्टेटलेस) थे। उन्होंने अब अपने पसंदीदा देश का चुनाव किया है। इन लोगों में से 14 हजार लोग उन बांग्लादेशी बस्तियों में रह रहे थे, जिनका अब भारत में विलय हो चुका है। उन बस्तियों में रहने वाले लोग भारतीय नागरिक बन गए हैं। भारत की सभी बस्तियां पश्चिम बंगाल के कूच बिहार जिले में थीं।
बांग्लादेश में भारतीय बस्तियों में रहने वाले लोगों में से करीब एक हजार को छोड़कर बाकी बांग्लादेशी नागरिक बन गए हैं। बांग्लादेश का हिस्सा बन चुकीं 111 भारतीय बस्तियों का क्षेत्रफल 17,160 एकड़ है जबकि भारत का हिस्सा बनीं 51 बांग्लादेशी बस्तियों का क्षेत्रफल 7,110 एकड़ है।
रात के 12 बजते ही भारत में विलय हुईं बस्तियों में जश्न का माहौल था। लोग अपने घरों से बाहर आ गए, उन्होंने तिरंगा फहराया। लोग खुशी से नाच रहे थे। समझौते के तहत 111 भारतीय और 51 बांग्लादेशी बस्तियों का आदान प्रदान किया गया।
इन बस्तियों का आदान प्रदान दोनों देशों द्वारा भूमि सीमा समझौते पर हस्ताक्षर करने से संभव हो सका है। इन बस्तियों के करीब 51 हजार लोग दशकों से बिना किसी राष्ट्रीयता के (स्टेटलेस) थे। उन्होंने अब अपने पसंदीदा देश का चुनाव किया है। इन लोगों में से 14 हजार लोग उन बांग्लादेशी बस्तियों में रह रहे थे, जिनका अब भारत में विलय हो चुका है। उन बस्तियों में रहने वाले लोग भारतीय नागरिक बन गए हैं। भारत की सभी बस्तियां पश्चिम बंगाल के कूच बिहार जिले में थीं।
बांग्लादेश में भारतीय बस्तियों में रहने वाले लोगों में से करीब एक हजार को छोड़कर बाकी बांग्लादेशी नागरिक बन गए हैं। बांग्लादेश का हिस्सा बन चुकीं 111 भारतीय बस्तियों का क्षेत्रफल 17,160 एकड़ है जबकि भारत का हिस्सा बनीं 51 बांग्लादेशी बस्तियों का क्षेत्रफल 7,110 एकड़ है।
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