
- दिल्ली-एनसीआर और उत्तर भारत के ज्यादातर इलाकों में मॉनसून की जबरदस्त बारिश हुई, जिससे गर्मी और उमस से राहत मिली है.
- हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश से भूस्खलन और बाढ़ के कारण 85 लोगों की मौत हो चुकी है और बड़े पैमाने पर भारी नुकसान हुआ है.
- उत्तराखंड में भारी बारिश के चलते स्कूल बंद किए गए हैं और कई मार्ग भूस्खलन के कारण बंद हो गए हैं. आज भी मौसम को देखते ही स्कूल की छुट्टी कर दी गई.
एक तरफ दिल्ली-एनसीआर समे उत्तर भारत के ज्यादातर इलकों में इस मॉनसून की पहली जबरदस्त बारिश हुई. वहीं दूसरी तरफ हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में बारिश कहर बनकर बरस रही है. दिल्ली-एनसीआर में हुई तेज बारिश से लोगों को गर्मी और उमस से बड़ी राहत मिली. दूसरी तरफ पहाड़ों राज्यों में बिगड़ता मौसम लोगों की परेशानी का सबब बन चुका है. हिमाचल में तो भारी से भारी नकुसान हो चुका है. हिमाचल में कहीं बादल फटे तो भूस्खलन की वजह से रास्ते बंद हो गए. नदियां-नाले भी उफान पर है जो अपनी जद में आई हर चीज को निगल जा रही है. जबकि उत्तराखंड के पहाड़ी इलाकों में भी हाल ज्यादा अच्छे नहीं है.

दिल्ली में आज कैसा रहेगा मौसम
दिल्ली में आज भी आसमान में बादल छाए रहेंगे, साथ ही बारिश होने की संभावना जताई गई है. इस दौरान दिल्ली का अधिकतम तापमान 32 डिग्री रहेगा वहीं न्यूनतम तापमान 24 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया जा सकता है. दिल्ली-एनसीआर वालों के लिए अच्छी खबर ये है कि यहां बारिश का सिलसिला 15 जुलाई तक जारी रह सकता है. इस दौरान अधिकतम तापमान 34 से 35 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 24 से 26 डिग्री सेल्सियस के बीच दर्ज किया जा सकता है. कल शाम दिल्ली में जोरदार बारिश हुई. जिससे कई इलाकों में जलभराव और यातायात जाम लग गया, नतीजतन लोग घंटों जाम में फंस रहे.

उत्तराखंड में बारिश का अलर्ट, स्कूल बंद
उत्तराखंड मौसम विभाग ने भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है. देहरादून में भारी बारिश के चलते आज 1 से 12वीं तक के सभी शैक्षणिक संस्थाओं और आंगनबाड़ी केंद्रों की छुट्टी कर दी गई है. भारी बारिश के कारण रुद्रप्रयाग-बद्रीनाथ मार्ग पर भूस्खलन हुआ है और मरम्मत का काम चल रहा है. ऋषिकेश जा रहे एक यात्री दिलप्रीत ने बताया कि वह पिछले चार घंटों से रास्ते में फंसे हुए हैं. 8 जुलाई को उत्तराखंड के चमोली ज़िले में नंदप्रयाग घाट के पास मुख गांव के पास बादल फटने की घटना हुई. इससे पहले, रुद्रप्रयाग जिले में केदारनाथ धाम यात्रा को अस्थायी रूप से रोक दिया गया था, क्योंकि गौरीकुंड से लगभग एक किलोमीटर आगे छोड़ी गधेरे के पास भूस्खलन के कारण पैदल मार्ग क्षतिग्रस्त हो गया था.
हिमाचल में कुदरत का कहर
हिमाचल में कुदरत किस कदर कहर बरपा रही है, इसका अंदाजा इससे लगा लीजिए कि 20 जून से अब तक 85 मौतें हुई हैं. इन 85 मौतों में से 54 बारिश से जुड़ी घटनाओं से जुड़ी थीं, जबकि शेष 31 सड़क दुर्घटनाओं से जुड़ी थीं. बुधवार शाम तक राज्य में कुल 174 सड़कें बंद थीं, जिनमें सबसे अधिक प्रभावित मंडी जिले में 136 सड़कें शामिल हैं, जबकि 162 ट्रांसफार्मर और 755 जलापूर्ति योजनाएं प्रभावित हैं और राज्य को लगभग 740 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है.

इस आपदा से संपत्तियों को भी भारी नुकसान हुआ है, जिससे 1,184 घर, 710 गौशालाएं और 201 दुकानें प्रभावित हुई हैं. इस आपदा में 780 पशुधन भी मारे गए हैं. इस बीच, केलांग रात में सबसे ठंडा रहा, जहां न्यूनतम तापमान 11.1 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जबकि ऊना दिन में सबसे गर्म रहा, जहां अधिकतम तापमान 33 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. 30 जून और 1 जुलाई की मध्यरात्रि को बादल फटने, उसके बाद अचानक आई बाढ़ और भूस्खलन की 10 घटनाओं में 15 लोगों की मौत हो गई, 5 घायल हो गए और 27 लापता लोगों का पता लगाने के लिए तलाशी अभियान जारी है.
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