
- हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश और बादल फटने से भारी तबाही हुई है.
- मंडी जिले में 11 स्थानों पर बादल फटने से कई मकान जमींदोज हो गए.
- इन घटनाओं में 10 लोगों की मौत हो गई है और 30 से अधिक लोग लापता हैं.
- मौसम विभाग ने बुधवार को भी भारी से बहुत भारी बारिश की चेतावनी जारी की है.
Himachal Pradesh Cloudburst: हिमाचल प्रदेश में आसमान से आफत बरस रही है. बादल फटने की घटनाओं ने हिमाचल को झकझोरकर रख दिया है. मंगलवार को 11 जगहों पर बादल फटे हैं. केवल मंडी जिले के गोहर, करसोग, थुनाग और धर्मपुर में 7 जगहों पर बादल फटने से कई मकान जमींदोज हो गए, जबकि फ्लैश फ्लड में भी काफी जानमाल का नुकसान हुआ. खबरों के मुताबिक, इन घटनाओं में 10 लोगों की मौत हो गई, जबकि 30 से ज्यादा लोग लापता हूं. चुलाथाज में तो ऐसा सैलाब आया कि देवदार के सैकड़ों पेड़ तिनकों की तरह बह गए. तबाही ऐसी है कि इसने साल 2023 के बाढ़ की याद दिला दी.
500 करोड़ का नुकसान!
हिमाचल में 24 घंटे के दौरान सबसे ज्यादा बारिश मंडी के संघोल में हुई. यहां 223.6 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने अब तक 500 करोड़ रुपये के नुकसान का अनुमान जताया है और कहा है कि ये आंकड़ा और बढ़ सकता है. मंडी, ऊना, बिलासपुर, हमीरपुर और राजधानी शिमला में भारी बारिश की चेतावनी दी गई है. इन जिलों के कुछ इलाकों में फ्लैश फ्लड आने की संभावना है.

पंचवक्त्र मंदिर तक पानी लबालब
मंडी में बारिश के चलते पंडोह डैम का जलस्तर तेजी से बढ़कर 2922 फीट तक पहुंच गया, जबकि खतरे का निशान 2941 फीट पर है. मंडी शहर में बादल फटने की घटनाओं और बाढ़ से ब्यास नदी उफान पर है. आधी रात नदी में जलस्तर इतना बढ़ गया कि इसने साल 2023 की बाढ़ की याद दिला दी. ब्यास नदी ने ऐसा रौद्र रूप दिखाया कि शहर के प्राचीन पंचवक्त्र महादेव मंदिर तक पानी लबालब भर गया. शहर में जगह-जगह जलभराव हो गया. यहां सभी छोटे बड़े नदी-नाले उफान पर हैं. ब्यास नदी पर बने पंडोह बांध से डेढ़ लाख क्यूसेक से अधिक पानी छोड़ा गया है. पंडोह बांध का जलस्तर खतरे के निशान 2,922 फुट के मुकाबले 2,941 फुट तक पहुंच गया है.

बचाओ-बचाओ चिल्लाते हुए बह गए 9 लोग
मंडी जिले के गोहर में आसमान से ऐसी आफत बरसी कि 9 लोग बह गए. अचानक आए सैलाब ने किसी को सावधान होने का मौका तक नहीं दिया. सोमवार और मंगलवार की दरमयानी रात कई परिवार अपने घरों की छत पर मदद की गुहार लगाते रहे. एक परिवार के तो कई सदस्यों को ये सैलाब बहा ले गया. एक अन्य परिवार के सदस्यों की भी जान चली गई. ज्यूणी खड्ड के किनारे कुछ लोग अपने लोगों को तलाशते रहे. ये बारिश ऐसी आफत बन कर बरसेगी, ये किसी ने सोचा नहीं था.

NDRF की टीमें राहत और बचाव अभियान में लगी हैं.
400 से ज्यादा सड़कें बंद
राज्य आपातकालीन संचालन केंद्र (एसईओसी) के अनुसार, बारिश के कारण राज्य में कुल 406 सड़कें बंद हैं, जिनमें से 248 अकेले मंडी जिले में हैं. मंडी में 994 'ट्रांसफार्मर' पर भी इसका असर पड़ा है. चंडीगढ़-मनाली चार लेन मार्ग वर्तमान में द्वाडा, झलोगी और बनाला सहित कई स्थानों पर अवरुद्ध है, जबकि कमांद-कटौला-बजौरा मार्ग केवल हल्के मोटर वाहनों (एलएमवी) के लिए खुला है. कई स्थानों पर यातायात संबंधी समस्याओं के कारण यात्रियों को असुविधा का सामना करना पड़ रहा है.

प्रदेश में कई जगह सड़क दुर्घटनाएं हुई हैं, कई जगह वाहन फंसे हुए हैं.
NDRF और SDRF का बचाव अभियान
राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) और राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ) की दो-दो टीम पुलिस और होमगार्ड के साथ मिलकर जिले में खोज और बचाव अभियान में लगी हुई हैं. अधिकारियों ने बताया कि 24 मकान, 12 पशुशालाएं, एक पुल और कई सड़कें क्षतिग्रस्त हो गई हैं, 30 मवेशी मारे गए हैं . उन्होंने बताया कि मंडी जिले में फंसे नौ लोगों को बचाने के प्रयास जारी हैं. एसईओसी ने बताया कि कुल 332 लोगों को बचाया गया है, जिनमें मंडी में 278, हमीरपुर में 51 और चंबा में तीन लोग शामिल हैं.

मंडी के उपायुक्त अपूर्व देवगन ने कहा कि भारी बारिश के बाद बादल फटने और अचानक आई बाढ़ से जिले में कुछ स्थानों पर व्यापक नुकसान होने के कारण कई लोगों को बचा लिया गया है और उन्हें सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है. बाड़ा में दो और तलवारा में एक व्यक्ति की मौत हुई. करसोग के पुराने बाजार में एक व्यक्ति की मौत हुई जबकि जोगिंदरनगर के नेरी-कोटला में एक शव बरामद किया गया.

पर्यटक भी कई जगहों पर फंसे हुए हैं.
आज भी भारी बारिश की चेतावनी
मौसम विभाग के मुताबिक, बुधवार को ऊना, बिलासपुर, हमीरपुर, चंबा, कांगड़ा, मंडी, शिमला, सोलन और सिरमौर के कुछेक इलाकों में भारी बारिश होने की संभावना है. इसी तरह से 4 जुलाई को ऊना में भारी बारिश बताई गई है. कांगड़ा में भारी बारिश तो वहीं मंडी, शिमला के भी कुछ इलाकों में भारी बारिश होने का पूर्वानुमान जताया गया है. पांच जुलाई को भी भारी से बहुत भारी बारिश होने का पूर्वानुमान है. इसमें ऊना, मंडी, हमीरपुर, कांगड़ा, इन चार जिलों में अत्यधिक बारिश होने की संभावना जताई गई है जबकि बिलासपुर, चंबा, कुल्लू, शिमला, सोलन और सिरमौर जिलों के कुछ हिस्सों में भारी बारिश होने की संभावना है. 6 जुलाई को भी कुछ क्षेत्रों में अत्यधिक बारिश होने का अलर्ट है.
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