अरब सागर में मानसून के मजबूत होने की संभावना के बीच अगले तीन दिनों के दौरान मुम्बई और पश्चिम तटीय भारत के अन्य क्षेत्रों तथा प्रायद्वीपीय भारत में मूसलाधार वर्षा होने का अनुमान है. मौसम पूर्वानुमान एजेंसियों ने रविवार को यह जानकारी दी.
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग ने बताया कि उत्तरी बंगाल की खाड़ी पर कम दबाव का क्षेत्र बनने और उसके ओडिशा, छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश की ओर बढ़ने तथा फिर मध्य महाराष्ट्र एवं गुजरात की ओर मुड़ने की संभावना है. इन राज्यों में इस दौरान भारी वर्षा होने का अनुमान है. इसी अवधि में झारखंड और पश्चिम बंगाल में भी भारी बारिश हो सकती है.
मौसम विभाग ने बताया कि अगले तीन-चार दिनों के दौरान मानसूनी निम्न दबाव के क्षेत्र का रुख दक्षिण की ओर होने और गोवा, तटीय कर्नाटक तथा केरल में बहुत भारी बारिश होने की संभावना है. मौसम विभाग ने कोट्टायम, इडुकी, त्रिचूर, कोझिकोड और वायनाड समेत केरल के नौ जिलों के लिए मंगलवार से ओरेंज अलर्ट जारी किया है.
निजी मौसम पूर्वानुमान एजेंसी स्काईमेट के अनुसार मुंबई और उसके उपनगरीय क्षेत्रों में भारी से बहुत भारी बारिश होने की संभावना है और जलभराव की आशंका है. पंद्रह जुलाई के बाद यह पहली भारी बारिश होगी. बिहार में उफनती नदियों के पानी से नये क्षेत्रों के जलमग्न हो जाने से बाढ़ की स्थिति और बिगड़ गयी है तथा 14 जिलों में 53.67 लाख लोग बेहाल हैं.आपदा प्रबंधन विभाग ने यहां यह जानकारी दी.
मुजफ्फरपुर जिले में रविवार तड़के तिरहुत नहर का तटबंध टूट जाने से मुरौल प्रखंड के कम से कम एक दर्जन गांवों में पानी भर गया. राष्ट्रीय आपदा मोचन बल की दो टीमें मौके पर तैनात की गयी हैं. बागमती, बूढ़ी गंडक, कमलाबलान, अधवारा, खिरोई, महानंदा और घाघरा जैसी नदियां कई स्थानों पर खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं.
उत्तर प्रदेश में पिछले 24 घंटों के दौरान कुछ स्थानों पर बारिश के बीच नेपाल तथा अन्य कई स्थानों पर बांधों से पानी छोड़े जाने के कारण गंगा, घाघरा, राप्ती और शारदा समेत अनेक नदियां जगह-जगह उफान पर हैं. प्रदेश के 14 जिलों के सैकड़ों गांव इन उफनायी नदियों के पानी में घिर गये हैं. उधर, दिल्ली, हरियाणा और पंजाब में उमसभरा मौसम रहा.
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