हरियाणा के सचिन गुप्ता ने यूपीएससी परीक्षा में तीसरी रैंक हासिल की है.
नई दिल्ली:
संघ लोक सेवा द्वारा आयोजित सिविल सेवा परीक्षा के नतीजों में टॉपर्स की लिस्ट में हरियाणा राज्य भी टॉप पर है. नंबर दो पर आई है बेटी और नंबर तीन पर बेटा. नंबर दो पर अनु कुमारी रहीं और नंबर 3 पर रहे सचिन गुप्ता. सचिन गुप्ता की सफलता का राज़ समय का प्रबंधन और परीक्षा की तैयारी के लिए स्मार्ट स्टडी है.
सिरसा के बिज़नेस परिवार से आने वाले सचिन ने मेकेनिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की है. फिर कुछ वक़्त के लिए मारुति सुज़ुकी में काम कर चुके हैं. इस समय वे इंडियन कॉर्पोरेट लॉ सर्विस के अधिकारी हैं और फिलहाल मिनिस्ट्री ऑफ़ कॉर्पोरेट अफेयर्स में काम करते हैं.
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सचिन बताते हैं कि टाइम मैनेजमेंट और स्मार्ट स्टडी उनकी स्ट्रेटेजी में सबसे अहम था. इस साल की सिविल सेवा परीक्षा का प्रीलिम्स अब बस महीने भर दूर है ऐसे में सचिन कहते हैं कि तैयारी में जुटे छात्रों को प्रीलिम्स तक कुछ भी नया पढ़ने के बजाय पढ़ी हुई चीज़ों को दोहराने पर ज्यादा ध्यान देना चाहिए.
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पहली रैंक हासिल करने वाले अनुदीप की तरफ सचिन का ऑप्शनल भी एंथ्रोपोलॉजी था. सचिन का कहना है अपनी ख़ासियत और कमियों का ठीक से विश्लेषण करने के बाद ही आपको ऑप्शनल के बारे में कोई फैसला करना चाहिए. जहां तक पढ़ाई के लिए रिसोर्सेज का सवाल है सचिन ने भी दूसरे नंबर की टॉपर अनु की तरफ ऑनलाइन रिसोर्सेज का सहारा लिया. इसके अलावा NCERT की पुरानी किताबों पर भी सचिन का जोर था.
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पर्सनालिटी टेस्ट यानी इंटरव्यू में इंडियन कॉर्पोरेट लॉ सर्विस के अधिकारी होने की वजह से उनसे हाल के दिनों में कंपनी के घोटालों जैसे नीरव मोदी मामले में कई सवाल पूछे गए. अपनी सफलता के लिए सचिन अपने टीचर, मारुति में नौकरी के दिनों के दोस्तों और परिवार की अहम भूमिका को याद करना नहीं भूलते.
सिरसा के बिज़नेस परिवार से आने वाले सचिन ने मेकेनिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की है. फिर कुछ वक़्त के लिए मारुति सुज़ुकी में काम कर चुके हैं. इस समय वे इंडियन कॉर्पोरेट लॉ सर्विस के अधिकारी हैं और फिलहाल मिनिस्ट्री ऑफ़ कॉर्पोरेट अफेयर्स में काम करते हैं.
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सचिन बताते हैं कि टाइम मैनेजमेंट और स्मार्ट स्टडी उनकी स्ट्रेटेजी में सबसे अहम था. इस साल की सिविल सेवा परीक्षा का प्रीलिम्स अब बस महीने भर दूर है ऐसे में सचिन कहते हैं कि तैयारी में जुटे छात्रों को प्रीलिम्स तक कुछ भी नया पढ़ने के बजाय पढ़ी हुई चीज़ों को दोहराने पर ज्यादा ध्यान देना चाहिए.
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पहली रैंक हासिल करने वाले अनुदीप की तरफ सचिन का ऑप्शनल भी एंथ्रोपोलॉजी था. सचिन का कहना है अपनी ख़ासियत और कमियों का ठीक से विश्लेषण करने के बाद ही आपको ऑप्शनल के बारे में कोई फैसला करना चाहिए. जहां तक पढ़ाई के लिए रिसोर्सेज का सवाल है सचिन ने भी दूसरे नंबर की टॉपर अनु की तरफ ऑनलाइन रिसोर्सेज का सहारा लिया. इसके अलावा NCERT की पुरानी किताबों पर भी सचिन का जोर था.
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पर्सनालिटी टेस्ट यानी इंटरव्यू में इंडियन कॉर्पोरेट लॉ सर्विस के अधिकारी होने की वजह से उनसे हाल के दिनों में कंपनी के घोटालों जैसे नीरव मोदी मामले में कई सवाल पूछे गए. अपनी सफलता के लिए सचिन अपने टीचर, मारुति में नौकरी के दिनों के दोस्तों और परिवार की अहम भूमिका को याद करना नहीं भूलते.