
प्रतीकात्मक तस्वीर
- मेवात की बिरयानी के सैंपल हिसार की लैब में भेजे गए हैं
- सैंपल भेजे जाने के दो दिन पहले ही लैब को अधिकृत किया गया
- अब तक यह प्रयोगशाला जानवरों की बीमारी पता लगाने का काम करती आई है
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इस चिट्ठी में लिखा गया है कि 'जब तक सरकार द्वारा यमुना नगर और फरीदाबाद में गोमांस की टेस्टिंग लैब का काम पूरा नहीं हो जाता तब तक लाला लाजपत राय पशु चिकित्सालय और पशु विज्ञान विश्वविद्यालय हिसार द्वारा दी गई मांस टेस्टिंग रिपोर्ट को कानूनी वैधता होगी.' दिलचस्प है कि इस लैब को अधिकृत किये जाने के दो दिन बाद ही 24 अगस्त को मेवात के गांवों से सात सैंपल इस प्रयोगशाला में आए और सभी पॉजिटिव पाए गए.

लाला लाजपत राय पशु चिकित्सालय और पशु विज्ञान यूनिवर्सिटी के उपकुलपति मेजर जनरल डॉ. श्री कांत ने कहा कि उनका काम सिर्फ यहां भेजे गए नमूनों की जांच करना था और इसी आधार पर 5 सितंबर को रिपोर्ट भेजी गई. हमें बताया गया कि अब तक इस प्रयोगशाला में वैज्ञानिक मूल रूप से वायरोलोजी यानी जानवरों की बीमारी पता करने का काम करते रहे हैं. लेकिन इस साल मई से अब तक इस लैब में गोमांस के 2 दर्जन से अधिक सैंपल जांचे गये. लैब में वैज्ञानिक डॉ सुशीला मान का कहना है कि हम रियल टाइम पी सी आर तकनीक का करते हैं जिसमें सेंपल को डीएनए की जांच के आधार पर परखा जाता है.
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