फाइल फोटो
जयपुर:
पचास प्रतिशत आरक्षण के दायरे में गुर्जरों को पांच प्रतिशत आरक्षण देने की मांग को लेकर गुर्जर नेताओं और सरकार के बीच बुधवार को चौथे दौर की बातचीत में भी समाधान नहीं निकला। संसदीय कार्यमंत्री राजेन्द्र राठौड़ ने चौथे दौर की बातचीत के बाद संवाददाताओं से बातचीत करते हुए कहा कि गुर्जर आंदोलनकारियों की इस मांग को मानने से सामाजिक समरसता को नुकसान पहुंच सकता है। उन्होंने उम्मीद जताई कि आंदोलनकारी एक बार पुन:वार्ता के लिए आएंगे, हालांकि गुर्जर नेताओं ने इसके बारे में फिलहाल कुछ नहीं कहा है।
गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति के प्रवक्ता हिम्मत सिंह ने कहा, 'गुर्जरों को आरक्षण देने के मुद्दे पर सरकार के प्रयासों का हमें आज एक मसौदा प्रस्ताव मिला है, उससे हम सहमत नहीं है। सरकार ने पचास प्रतिशत के दायरे में पांच प्रतिशत आरक्षण देने के मामले में सामाजिक समरसता को नुकसान पहुंचने के मद्देनजर अपनी असर्मथता जताई है।'
उन्होंने कहा, 'बैठक विफल हो गई है, हम पीलूपूरा के रेलवे ट्रेक पर आज रात अपने समाज के लोगों साथ इस पर चर्चा करेंगे। जहां तक राष्ट्रीय राज मार्ग और रेलवे ट्रेक को खुलवाने की बात है, यह हम स्वयं नहीं करेंगे और यह राज्य सरकार पर निर्भर है कि वह किस तरह से उच्च न्यायालय के निर्देशों का पालन करती है।'
गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति के प्रवक्ता हिम्मत सिंह ने कहा, 'गुर्जरों को आरक्षण देने के मुद्दे पर सरकार के प्रयासों का हमें आज एक मसौदा प्रस्ताव मिला है, उससे हम सहमत नहीं है। सरकार ने पचास प्रतिशत के दायरे में पांच प्रतिशत आरक्षण देने के मामले में सामाजिक समरसता को नुकसान पहुंचने के मद्देनजर अपनी असर्मथता जताई है।'
उन्होंने कहा, 'बैठक विफल हो गई है, हम पीलूपूरा के रेलवे ट्रेक पर आज रात अपने समाज के लोगों साथ इस पर चर्चा करेंगे। जहां तक राष्ट्रीय राज मार्ग और रेलवे ट्रेक को खुलवाने की बात है, यह हम स्वयं नहीं करेंगे और यह राज्य सरकार पर निर्भर है कि वह किस तरह से उच्च न्यायालय के निर्देशों का पालन करती है।'
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं