मुकेश अंबानी व अनिल अंबानी के साथ उनके पिता धीरूभाई अंबानी
अहमदाबाद:
बच्चों में उद्यमिता के गुण पैदा करने के लिए गुजरात सरकार स्कूली पाठ्यपुस्तकों में रिलायंस ग्रुप के संस्थापक धीरूभाई अंबानी पर एक अध्याय शुरू कर सकती है।
गुजरात राज्य स्कूल पाठ्यपुस्तक बोर्ड के प्रमुख नितिन पठानी ने कहा, 'शिक्षा मंत्री (भूपेंद्र सिंह चूडसामा) ने हाल ही एक बैठक में विचार रखा था कि हमारे बच्चों को धीरूभाई अंबानी जैसी प्रसिद्ध हस्तियों के जीवन एवं संघर्ष के बारे में पढ़ाया जाना चाहिए। उस बैठक में बोर्ड के पदाधिकारी शामिल हुए थे।’
उन्होंने बताया कि अन्य प्रसिद्ध एवं कम ज्ञात हस्तियों पर भी अध्याय शुरू किए जाएंगे, जिन्होंने अपने काम से समाज में योगदान दिया। उन्होंने कहा, 'धीरूभाई अंबानी के अलावा, कई ऐसी हस्तियां हैं, जिन्होंने औद्योगिक उद्यमिता के क्षेत्र में समाज को सर्वश्रेष्ठ दिया, उदाहरण के लिए देना बैंक के संस्थापक स्वरूप देवकरण नानजी हैं।'
पठानी ने कहा, 'इसलिए मंत्री के निर्देश पर हमने पाठ्यपुस्तक अधिकारियों को ऐसी मशहूर हस्तियों की सूची तैयार करने का निर्देश दिया है, जिन्हें हम कक्षा नौंवी से बारहवीं तक के पाठ्यक्रम में जोड़ सकते हैं या हम उसे कक्षा छठी से आठवीं तक सामान्य ज्ञान के रूप में जोड़ सकते हैं।'
लेकिन साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि गुजरात सरकार ने अभी तक यह तय नहीं किया है कि कबतक अध्याय शुरू किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इससे पहले गुजरात सरकार ने योग को पाठ्यपुस्तक में शामिल करने की भी घोषणा की थी।
गुजरात राज्य स्कूल पाठ्यपुस्तक बोर्ड के प्रमुख नितिन पठानी ने कहा, 'शिक्षा मंत्री (भूपेंद्र सिंह चूडसामा) ने हाल ही एक बैठक में विचार रखा था कि हमारे बच्चों को धीरूभाई अंबानी जैसी प्रसिद्ध हस्तियों के जीवन एवं संघर्ष के बारे में पढ़ाया जाना चाहिए। उस बैठक में बोर्ड के पदाधिकारी शामिल हुए थे।’
उन्होंने बताया कि अन्य प्रसिद्ध एवं कम ज्ञात हस्तियों पर भी अध्याय शुरू किए जाएंगे, जिन्होंने अपने काम से समाज में योगदान दिया। उन्होंने कहा, 'धीरूभाई अंबानी के अलावा, कई ऐसी हस्तियां हैं, जिन्होंने औद्योगिक उद्यमिता के क्षेत्र में समाज को सर्वश्रेष्ठ दिया, उदाहरण के लिए देना बैंक के संस्थापक स्वरूप देवकरण नानजी हैं।'
पठानी ने कहा, 'इसलिए मंत्री के निर्देश पर हमने पाठ्यपुस्तक अधिकारियों को ऐसी मशहूर हस्तियों की सूची तैयार करने का निर्देश दिया है, जिन्हें हम कक्षा नौंवी से बारहवीं तक के पाठ्यक्रम में जोड़ सकते हैं या हम उसे कक्षा छठी से आठवीं तक सामान्य ज्ञान के रूप में जोड़ सकते हैं।'
लेकिन साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि गुजरात सरकार ने अभी तक यह तय नहीं किया है कि कबतक अध्याय शुरू किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इससे पहले गुजरात सरकार ने योग को पाठ्यपुस्तक में शामिल करने की भी घोषणा की थी।
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