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This Article is From Dec 03, 2018

किसानों के आंदोलन से सरकार चिंतित, फसल बीमा योजना का मूल्यांकन शुरू हुआ

किसानों की खराब हुई फसल का भुगतान देर से हो रहा, संसदीय समिति ने कृषि मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों से सवाल किए

किसानों के आंदोलन से सरकार चिंतित, फसल बीमा योजना का मूल्यांकन शुरू हुआ
किसानों ने हाल ही में दिल्ली में आंदोलन किया (फाइल फोटो).
Quick Take
Summary is AI generated, newsroom reviewed.
भुगतान में देरी पर बीमा कंपनियों की जवाबदेही तय होनी चाहिए
बिना नुकसान के आकलन के भुगतान नहीं कर सकतीं कंपनियां
कृषि मंत्रालय को 18 दिसंबर तक देने होंगे सांसदों को जवाब
नई दिल्ली: दिल्ली में किसानों के आंदोलन से सरकार चिंतित हो गई है. किसानों के आंदोलन के दो दिन भी पूरे नहीं हुए कि कृषि मामलों की संसदीय समिति ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का मूल्यांकन शुरू कर दिया है.

दिल्ली में देश के कोने-कोने से आए हजारों किसान अलग-अलग भाषा में अपनी तकलीफ बताकर लौट गए हैं. किसानों ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना पर भी सवाल उठाए थे. अब कृषि मामलों की संसदीय समिति ने सोमवार को कृषि मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों से इस पर सवाल-जवाब किया.

स्थायी समिति के सूत्रों के मुताबिक प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत किसानों की खराब हुई फसल का भुगतान देर से हो रहा है और इसके लिए बीमा कंपनियों की जवाबदेही तय होनी चाहिए.

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एनडीटीवी से बातचीत में नीति आयोग की लैंड कमेटी के चेयरमैन टी हक ने माना कि पीएम फसल बीमा योजना के तहत किसानों को कुछ राज्यों में रकम का सही भुगतान नहीं हो पा रहा है. टी हक ने एनडीटीवी से कहा, "अमल करने के मुद्दे हैं...कई बार समय पर भुगतान नहीं हो पा रहा है. कंपनियां कहती हैं कि बिना नुकसान के आकलन के भुगतान नहीं कर सकती हैं."

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अब संसदीय समिति ने 18 दिसंबर तक कृषि मंत्रालय से कहा है कि वह सांसदों की तरफ से उठाए गए सवालों के जवाब दें.

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