- गोवा पुलिस ने भरत कोहली को रोमियो लेन नाइट क्लब के ऑपरेशंस हेड के रूप में गिरफ्तार किया है.
- एनडीटीवी की टीम ने भरत के दिल्ली स्थित छोटे से दो कमरे वाले मकान का दौरा किया और परिवार से बात की.
- भरत के दोस्त ने कहा कि अगर वह नाइट क्लब का ऑपरेशंस हेड होता तो उनके पास बहुत पैसा होता.
दिल्ली की तंग पंजाबी बस्ती के एक छोटे से दो कमरों के मकान में रहने वाला भरत कोहली क्या वाकई गोवा के हाई-प्रोफाइल 'रोमियो लेन' नाइट क्लब के ऑपरेशंस का हेड था? गोवा पुलिस का दावा है कि आग लगने के बाद फरार हुए मालिक सिद्धार्थ और गौरव लूथरा की जगह उन्होंने भरत को गिरफ्तार किया है, जो क्लब का 'ऑपरेशंस हेड' था. लेकिन जब NDTV की टीम भरत के घर पहुंची और उसके परिवार और दोस्तों से बात की, तो यह कहानी कुछ और ही बयां करती है.
ये भी पढ़ें- गोवा में रोमियो क्लब पर बुलडोजर एक्शन, मिट्टी में मिला 'भगोड़े' लूथरा ब्रदर्स का अवैध कारोबार
क्या वाकई नाइट क्लब का मुखिया था भरत कोहली?
सवाल ये भी है कि भरत कोहली अगर नाइट क्लब का मुखिया था, तो वह आलीशान जिंदगी छोड़कर छोटी सी बस्ती में क्यों रह रहा था. वह सिद्धार्थ और गौरव लूथरा भाइयों को 10 साल से जानता था. गोवा के रोमियो लेन में आग लगने के बाद उसके मालिक सिद्धार्थ और गौरव लूथरा थाईलैंड भाई गए लेकिन उसके सहयोगी भरत कोहली को गोवा पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया. पुलिस के मुताबिक भरत कोहली रोमियो लेन की आपरेशंस का काम देखता था. लेकिन एनडीटीवी की टीम ने जब भरत के घर पहुंच उसके परिवार और दोस्तों से बात की तो पता चला कि भरत का परिवार सब्ज़ी मंडी के पंजाबी बस्ती की तंग गलियों के छोटे से मकान में रहता है.
आपरेशंस हेड होता तो छोटे से मकान में क्यों रहता ?
फ़िलहाल उसके परिवार के लोग कैमरे पर बात नहीं कर रहे हैं, लेकिन दोस्तों का कहना है कि ह्रदय रोग से पीड़ित होने की वजह से वह 10-15 दिन से दिल्ली में रहकर इलाज करवा रहा था. भरत के दोस्त विनोद के मुताबिक अगर वह आपरेशंस का हेड था तो उसके पास बहुत पैसा होना चाहिए. लेकिन वह तो दो कमरों के घर में पंजाबी बस्ती में रहता था. दोस्तों ने बताया कि कुछ दिन पहले उसको दिल की बीमारी हुई थी. वह पास के सरकारी अस्पताल स्टीफेंस में 10 दिन तक भर्ती रहा था. हालांकि करीब 10-15 साल से वह लूथरा भाइयों को जानता था. जब कोई काम होता था तो वे लोग भरत को बुला लेते थे.
भरत गोवा अग्निकांड में कैसे फंस? नहीं पता
भरत के बड़े भाई कैलेंडर छापने के काम से जुड़े हैं. पूरा परिवार काफ़ी डरा हुआ है. भरत के भाई के मुताबिक वह लूथरा भाइयों की गाड़ी चलाता था. वह इस पूरे मामले में कैसे फंसा, उनको नहीं पता. भाई के मुताबिक, भरत गोवा में नहीं रहता था. वह दिल्ली में रहकर कैलेंडर के काम से जुड़ा था. उसके परिवार में पत्नी और दो बच्चे हैं, जो जो काफ़ी डरे हुए हैं.
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं