हैदराबाद:
हैदराबाद यूनिवर्सिटी के छात्र रोहित वेमूला की खुदकुशी मामले की जांच के लिए केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा भेजे गए दो अधिकारियों के खिलाफ वहां के छात्रों ने 'वापस जाओ, वापस जाओ' के नारे लगाए। इसके करीब दो घंटे बाद बीजेपी के प्रवक्ता प्रकाश रेड्डी को भी कुछ ऐसे ही विरोध का सामना करना पड़ा। रोहित की खुदकुशी से गुस्साए छात्रों को देखते हुए उन्हें यूनिवर्सिटी कैंपस से बाहर जाने पर मजबूर होना पड़ गया।
यूनिवर्सिटी के छात्रों का कहना है कि वे नहीं चाहते कि रोहित की इस दुखद मौत का राजनीतिक इस्तेमाल हो। हालांकि इसके बावजूद विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं ने विश्वविद्यालय का दौरा किया। इन्हीं में कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी भी थे, जो कि आज रोहित की मां से जाकर मिले और फिर धरने पर बैठे छात्रों को भी संबोधित किया। कांग्रेस उपाध्यक्ष ने यहां कहा कि शिक्षा मंत्री स्मृति ईरानी और विश्वविद्यालय के कुलपति अप्पा राव को रोहित की मौत का जिम्मेदार माना जाए।
वहीं बीजेपी के सहयोगी एलजेपी नेता एवं केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान ने इस मामले की सीबीआई से जांच कराने की मांग की है। उन्होंने कहा कि उन्होंने अपनी पार्टी नेताओं की एक टीम हैदराबाद भेजी है और उनके लौटने के बाद वह प्रधानमंत्री से मिलेंगे।
रोहित ने रविवार की रात को आत्महत्या कर ली थी। वह उन पांच शोध छात्रों में शामिल था, जिन्हें पिछले साल अगस्त में यूनिवर्सिटी ने निलंबित कर दिया था, साथ ही उनकी फ़ेलोशिप भी रोक दी गई थी। आरोप है कि दो केंद्रीय मंत्रियों स्मृति ईरानी और बंडारू दत्तात्रेय के दबाव के बाद छात्रों पर कार्रवाई की गई। दलित छात्र की खुदकुशी के मामले में राजनीतिक मोड़ तब आया जब केंद्रीय मंत्री बंडारू दत्तात्रेय के खिलाफ पुलिस केस रजिस्टर कर लिया गया। उनके द्वारा अगस्त में लिखे एक लेटर के चलते आत्महत्या के लिए भड़काने का आरोप लगा।
पिछले साल 17 अगस्त को लिखे लेटर में, दत्तात्रेय ने आरोप लगाया था कि विश्वविद्यालय एबीवीपी के एक कार्यकर्ता पर हमले को 'खामोशी से देखता रहा'। लेटर में यूनिवर्सिटी को 'अतिवादियों, जातिवादियों और राष्ट्रविरोधी राजनीति' का गढ़ तक कहा गया। हालांकि यूनिवर्सिटी द्वारा एक जांच समिति ने रोहित समेत सभी को प्राथमिक जांच में निर्दोष करार दिया था। लेकिन बाद में यूनिवर्सिटी ने अपना फैसला पलट दिया था।
यूनिवर्सिटी के छात्रों का कहना है कि वे नहीं चाहते कि रोहित की इस दुखद मौत का राजनीतिक इस्तेमाल हो। हालांकि इसके बावजूद विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं ने विश्वविद्यालय का दौरा किया। इन्हीं में कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी भी थे, जो कि आज रोहित की मां से जाकर मिले और फिर धरने पर बैठे छात्रों को भी संबोधित किया। कांग्रेस उपाध्यक्ष ने यहां कहा कि शिक्षा मंत्री स्मृति ईरानी और विश्वविद्यालय के कुलपति अप्पा राव को रोहित की मौत का जिम्मेदार माना जाए।
वहीं बीजेपी के सहयोगी एलजेपी नेता एवं केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान ने इस मामले की सीबीआई से जांच कराने की मांग की है। उन्होंने कहा कि उन्होंने अपनी पार्टी नेताओं की एक टीम हैदराबाद भेजी है और उनके लौटने के बाद वह प्रधानमंत्री से मिलेंगे।
रोहित ने रविवार की रात को आत्महत्या कर ली थी। वह उन पांच शोध छात्रों में शामिल था, जिन्हें पिछले साल अगस्त में यूनिवर्सिटी ने निलंबित कर दिया था, साथ ही उनकी फ़ेलोशिप भी रोक दी गई थी। आरोप है कि दो केंद्रीय मंत्रियों स्मृति ईरानी और बंडारू दत्तात्रेय के दबाव के बाद छात्रों पर कार्रवाई की गई। दलित छात्र की खुदकुशी के मामले में राजनीतिक मोड़ तब आया जब केंद्रीय मंत्री बंडारू दत्तात्रेय के खिलाफ पुलिस केस रजिस्टर कर लिया गया। उनके द्वारा अगस्त में लिखे एक लेटर के चलते आत्महत्या के लिए भड़काने का आरोप लगा।
पिछले साल 17 अगस्त को लिखे लेटर में, दत्तात्रेय ने आरोप लगाया था कि विश्वविद्यालय एबीवीपी के एक कार्यकर्ता पर हमले को 'खामोशी से देखता रहा'। लेटर में यूनिवर्सिटी को 'अतिवादियों, जातिवादियों और राष्ट्रविरोधी राजनीति' का गढ़ तक कहा गया। हालांकि यूनिवर्सिटी द्वारा एक जांच समिति ने रोहित समेत सभी को प्राथमिक जांच में निर्दोष करार दिया था। लेकिन बाद में यूनिवर्सिटी ने अपना फैसला पलट दिया था।
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