प्रतीकात्मक तस्वीर
नई दिल्ली:
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्रीय हेल्थ मिनिस्ट्री और खाद्य मंत्रालय पर दस- दस हजार का जुर्माना लगाया है। उन्होंने यह जुर्माना वंदना शिवा की याचिका पर लगाया है। चार साल तक कोर्ट में स्टेटस रिपोर्ट दाखिल न करने पर जुर्माना लगाया गया है।
दरअसल, एक्टिविस्ट वंदना शिवा ने याचिका दाखिल कर कहा था कि जीएम फूड के बनाने के लिए या आयात के लिए कोई रेगुलेटरी बॉडी होनी चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने इस याचिका पर सुनवाई करते हुए नोटिस जारी करते हुए स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने को कहा था। हालांकि उस वक्त यूपीए सरकार ने कहा था कि जीएम क्रॉप के निर्माण या आयात के नियंत्रण के लिए रेगुलेटरी बाडी बनाएंगे।
6 हफ्ते में जवाब दाखिल करने के लिए कहा...
सोमवार को हुई सुनवाई में केंद्र सरकार ने फिर से चीफ जस्टिस की बेंच में स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने का वक्त मांगा। लेकिन चीफ जस्टिस ने दोनों मंत्रालयों पर दस दस हजार रुपये का जुर्माना लगा दिया। कोर्ट ने केंद्र को 6 हफ्ते में जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए हैं। सरकार को नए फूड सेफ्टी एक्ट को नोटिफाई करना है और स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करनी है।
दरअसल, एक्टिविस्ट वंदना शिवा ने याचिका दाखिल कर कहा था कि जीएम फूड के बनाने के लिए या आयात के लिए कोई रेगुलेटरी बॉडी होनी चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने इस याचिका पर सुनवाई करते हुए नोटिस जारी करते हुए स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने को कहा था। हालांकि उस वक्त यूपीए सरकार ने कहा था कि जीएम क्रॉप के निर्माण या आयात के नियंत्रण के लिए रेगुलेटरी बाडी बनाएंगे।
6 हफ्ते में जवाब दाखिल करने के लिए कहा...
सोमवार को हुई सुनवाई में केंद्र सरकार ने फिर से चीफ जस्टिस की बेंच में स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने का वक्त मांगा। लेकिन चीफ जस्टिस ने दोनों मंत्रालयों पर दस दस हजार रुपये का जुर्माना लगा दिया। कोर्ट ने केंद्र को 6 हफ्ते में जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए हैं। सरकार को नए फूड सेफ्टी एक्ट को नोटिफाई करना है और स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करनी है।
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं