दिल्ली से सटे गुरुग्राम में कुछ युवकों द्वारा 'जय श्रीराम' का नारा न लगाने पर कथित तौर पर एक मुस्लिम युवक की पिटाई के मामले की भाजाप के नवनिर्वाचित सांसद गौतम गंभीर ने निंदा की थी. क्रिकेटर से राजनेता बने गौतम गंभीर ने लोकसभा चुनाव में पूर्वी दिल्ली से जीत दर्ज है. उन्होंने अपने ट्वीट में इस घटना को 'अपमानजनक' करार दिया. वहीं भाजपा नेताओं ने गौतम गंभीर के ट्वीट पर कहा कि उनका बयान मासूमियत में दिया गया है. इसके साथ ही पार्टी के एक वर्ग ने उनके ट्वीट पर निराशा जाहिर करते हुए कहा कि युवा नेता के शब्दों का इस्तेमाल भाजपा के खिलाफ किया जा सकता है.
“In Gurugram Muslim man told to remove skullcap,chant Jai Shri Ram”.
— Gautam Gambhir (@GautamGambhir) May 27, 2019
It is deplorable. Exemplary action needed by Gurugram authorities. We are a secular nation where @Javedakhtarjadu writes “ओ पालन हारे, निर्गुण और न्यारे” & @RakeyshOmMehra gave us d song “अर्ज़ियाँ” in Delhi 6.
गौतम गंभीर के ट्वीट के बाद दिल्ली भाजपा प्रमुख मनोज तिवारी ने भी इस घटना की निंदा की है. इसके साथ ही गौतम गंभीर के ट्वीट को लेकर उन्होंने कहा कि लोगों को इस तरह की घटनाओं पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते समय सतर्क रहना चाहिए. उन्होंने कहा कि कुछ लोगों ने एक साजिश के तहत अफवाहें फैलाने और मुस्लिमों में भय की भावना पैदा करने के लिए ऐसी घटनाओं को अंजाम दिया है. तिवारी ने अपने बयान में कहा, 'लोगों को सतर्क रहने की जरूरत है ताकि वे इस तरह की अफवाहों से गुमराह न हों. पूर्वी दिल्ली के सांसद गौतम गंभीर ने इस मामले पर मासूमियत के साथ प्रतिक्रिया दी है.'
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तिवारी के बाद दिल्ली बीजेपी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, 'गंभीर अब एक क्रिकेटर नहीं हैं और उन्हें महसूस करना चाहिए कि उनके शब्दों और कार्यों को राजनीति के चश्मे से देखा जाएगा.' उन्होंने कहा, "ऐसी घटनाओं को कोई भी पसंद नहीं करता है, लेकिन हरियाणा की एक घटना पर टिप्पणी करने का क्या फायदा है, जो भाजपा के खिलाफ अन्य दलों द्वारा इस्तेमाल की जा सकती है.' गौतम गंभीर के इस ट्वीट के बाद सोशल मीडिया पर बहुत से लोगों ने उन्हें जवाब दिया और कहा कि उन्हें कुछ सेलेक्टिव केसों को ही उजागर नहीं करना चाहिए.
My thoughts on secularism emanate from honourable PM Mr Modi's mantra “सबका साथ, सबका विकास, सब का विश्वास”. I am not limiting myself to Gurugram incident alone, any oppression based on caste/religion is deplorable. Tolerance & inclusive growth is what idea of India is based on.
— Gautam Gambhir (@GautamGambhir) May 27, 2019
गुड़गांव में घटी घटना के पीड़ित 25 साल के मोहम्मद बरकत आलम ने कहा कि वह शनिवार की शाम नमाज से लौट रहे थे, जब उन्हें चार से पांच लोगों के एक गिरोह ने घेर लिया. उनमें से एक ने उसके सिर पर चाकू से वार किया और "जय श्री राम" का नारा लगाने को कहा. मैंने नारे लगाने से इंकार किया तो उन लोगों ने मारपीट शुरू कर दी.
गंभीर ने एक अन्य ट्वीट में कहा 'प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास' के दर्शन से धर्मनिरपेक्षता में उनका विश्वास बढ़ा है. और जाति और धर्म के आधार पर कोई भी उत्पीड़न घृणित है'. गुड़गांव पुलिस ने केस दर्ज लिया है. पुलिस अपराधियों की पहचान करने के लिए सीसीटीवी फुटेज भी ले रही है. हालांकि अभी तक किसी को गिरफ्तार नहीं किया गया है.
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