पुलिस ने रेलवे में नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी करने वाले एक गिरोह का पर्दाफाश किया है. दिल्ली पुलिस की तरफ से कहा गया है कि यह गिरोह न सिर्फ आईकार्ड, अप्वाइंटमेंट लेटर देता था बल्कि रेलवे स्टेशन और ट्रेन में TTE की ट्रेनिंग तक इनके द्वारा दी जाती थी. ताकि बेरोजगारों से मोटी रकम वसूली जा सके. दिल्ली पुलिस की गिरफ्त में आए सुखदेव और संदीप रेलवे में TTE के फर्जी भर्ती घोटाले के मास्टर माइंड हैं. संदीप बेरोजगारों को अपने जाल में फंसाता था फिर सुखदेव फर्जी आई कार्ड मुहय्या कराता था. जबकि पकड़े गए दो अन्य लोग इन बेरोजगारों को DRM ऑफिस ले जाकर फर्जी फॉर्म और रेलवे अस्पताल में इनका मेडिकल करवाते थे ताकि बेरोजगारों को TTE बनने का पूरा भरोसा हो जाए.
डीसीपी रेलवे हरेंद्र सिंह ने बताया है कि सुखदेव होशियार पुर का रहने वाला था. जिसने संदीप के साथ मिलकर इस घटना को अंजाम दिया. संदीप ठगी में लिए गए पैसों से बीएमडब्लू और मर्सीडीज गाड़ी खरीद रखा था. जिसे पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है.
दरअसल कुछ दिन पहले TTE की यूनिफार्म पहनकर कुछ युवक कानपुर शताब्दी में टिकट चेक करते मिले थे. जब इनसे पूछताछ की गई तो इनके आई कार्ड फर्जी पाए गए. इन युवकों से पूछताछ के आधार पर नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर एक फर्जी ट्रेनर को भी पकड़ा गया था. इस मामले में अब तक 11 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है. फर्जी टीटीई घोटाले का मास्टर माइंड सुखदेव सीलम पुर से चुनाव भी लड़ चुका है. वो चुनाव के दौरान करोड़ों के कर्ज में दब गया था जिस के बाद इसने ये फर्जीवाड़ा करने की सोची थी. -नौकरी के नाम पर इस तरह इन लोगों ने आधा दर्जन से ज्यादा युवाओं से लाखों रुपए वसूले चुके थे.
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