वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने आर्थिक पैकेज की दूसरी किस्त की घोषणा करते हुए आवास क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए कदम उठाया है. इस कदम से मध्यम वर्गीय परिवारों (6-18 लाख आय सालाना) को लाभ मिलेगा. सरकार ने ऋण से जुड़ी छूट की योजना (CLSS) को 31 मार्च 2021 तक के लिये बढ़ा दिया है. यह योजना मई 2017 से लागू हुई है और अभी तक मध्यम वर्ग के 3.3 लाख परिवार इस योजना का लाभ उठा चुके हैं. योजना को आगे बढ़ाने से आवास क्षेत्र को 70 हजार करोड़ रुपये का नया निवेश प्राप्त होगा.
वित्त मंत्री ने कहा कि इससे 2020-21 के दौरान मध्यम आय वर्ग के 2.5 लाख परिवारों को लाभ मिलेगा. योजना के विस्तार से रोजगार के नये अवसरों के सृजन में मदद मिलेगी. यह इस्पात, सीमेंट, परिवहन तथा अन्य निर्माण सामग्रियों की मांग भी उत्पन्न करेगा.
सीतारमण ने कहा कि प्रवासी मजदूरों को किफायती किराये पर घर मिलने में काफी दिक्कत होती है. इसे देखते हुए सरकार प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY) के तहत, प्रवासी मजदूरों और शहरी गरीबों के लिए स्कीम पेश करेगी ताकि उन्हें किफायती किराये पर घर उपलब्ध कराया जा सके. वित्त मंत्री ने कहा कि रेहड़ी-पटरी और खोमचे वालों के लिए विशेष ऋण योजना लॉन्च की जाएगी. 50 लाख खोमचे वालों के लिए 5,000 करोड़ का प्रावधान किया जाएगा.
उन्होंने कहा कि प्रवासी मजदूरों को मनरेगा के जरिये काम दिया जा रहा है. 2.33 करोड़ मजदूरों को मनरेगा के तहत काम मिला है. श्रम कानून के सुधार पर काम चल रहा है. देश में न्यूनतम वेतन का लाभ सिर्फ 30 फीसदी लेबर ही उठा पाते हैं. न्यूनतम मजदूरी का भेदभाव खत्म किया जाएगा. मनरेगा की दिहाड़ी मजदूरी को 182 से बढ़ाकर 202 रुपये किया गया है.
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