तीन नए कृषि कानूनों (Agriculture Laws) के खिलाफ किसानों का आंदोलन (Farmers Agitation) एक महीने से ज्यादा समय से चल रहा है. नए कानूनों को रद्द करने और न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की गारंटी देने को लेकर किसान दिल्ली और उसके आसपास के इलाकों में जुटे हुए हैं. किसान संगठनों ने शनिवार की बैठक में सरकार के बातचीत के प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया है. किसान संगठनों ने अपना आंदोलन तेज करने का भी फैसला किया और उन्होंने 30 दिसंबर को सिंघू-मानेसर-पलवल (केएमपी) राजमार्ग पर ट्रैक्टर मार्च आयोजित करने का आह्वान किया है. इस बीच, गाजीपुर बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे किसानोें ने रविवार सुबह अरदास की.
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने रविवार को केंद्र से कृषि कानूनों को वापस लेने की अपील करते हुए कहा कि किसान जीवित रहने के लिए प्रदर्शन कर रहे हैं. नवंबर के आखिरी हफ्ते से सिंघू बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे हजारों किसानों से मिलने दूसरी बार पहुंचे केजरीवाल ने कहा, ''मैं किसी भी केंद्रीय मंत्री को चुनौती देता हूं कि वह किसानों के साथ खुली बहस करें जिससे पता चल जाएगा कि ये कृषि कानून लाभदायक हैं या हानिकारक.''
नए कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे किसानों के प्रति एकजुटता प्रकट करते हुए केरल के एक किसान संगठन ने उनके लिए 16 टन अनानास भेजे हैं.
एएनआई के मुताबिक, राजनाथ सिंह ने कहा कि न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) खत्म करने का इरादा इस सरकार का ना तो कभी था, ना है और ना रहेगा. मंडी व्यवस्था भी कायम रहेगी. कोई भी मां का लाल किसानों से उनकी जमीन नहीं छीन सकता.
MSP खत्म करने का इरादा इस सरकार का ना तो कभी था, ना है और ना रहेगा। मंडी व्यवस्था भी कायम रहेगी। कोई भी माँ का लाल किसानों से उनकी जमीन नहीं छीन सकता: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह https://t.co/IDjkvdSTjp
- ANI_HindiNews (@AHindinews) December 27, 2020
एएनआई के मुताबिक, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि ऐतिहासिक कृषि सुधार से उन लोगों के पैरों तले जमीन खिसक गई है जो लोग किसानों के नाम पर अपने निहित स्वार्थ साधते थे. उनका धंधा खत्म हो जायेगा इसलिए जानबूझ कर देश के कुछ हिस्सों में एक गलतफहमी पैदा की जा रही है कि हमारी सरकार MSP की व्यवस्था खत्म करना चाहती है.
ऐतिहासिक कृषि सुधार से उन लोगों के पैरों तले जमीन खिसक गई है जो लोग किसानों के नाम पर अपने निहित स्वार्थ साधते थे। उनका धंधा खत्म हो जायेगा इसलिए जानबूझ कर देश के कुछ हिस्सों में एक गलतफहमी पैदा की जा रही है कि हमारी सरकार MSP की व्यवस्था खत्म करना चाहती है:रक्षा मंत्री #farmlaws pic.twitter.com/f26kvEzh4q
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एनडीटीवी के संवाददाता के मुताबिक, कृषि कानूनों के खिलाफ सिंघू बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे किसानों ने प्रधानमंत्री मोदी के 'मन की बात' के कार्यक्रम के दौरान थाली बज़ाकर विरोध दर्ज कराया. किसान संगठनों ने पहले ही सार्वजनिक रूप से कहा था कि वह इस कार्यक्रम का विरोध जताएंगे.
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, बुराड़ी के निरंकारी समागम ग्राउंड में कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों ने प्याज की फसल लगाई. एक किसान ने बताया, "हमें यहां बैठे एक महीना हो गया है. खाली बैठे क्या करें, इसलिए खेती कर रहे हैं. अगर मोदी जी नहीं मानते तो पूरे बुराड़ी ग्राउंड में फसल उगा देंगे."
दिल्ली: बुराड़ी के निरंकारी समागम ग्राउंड में कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों ने प्याज की फसल लगाई। एक किसान ने बताया, "हमें यहां बैठे एक महीना हो गया है। खाली बैठे क्या करें, इसलिए खेती कर रहे हैं। अगर मोदी जी नहीं मानते तो पूरे बुराड़ी ग्राउंड में फसल उगा देंगे।" pic.twitter.com/v2lTYXGHJ2
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समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, कृषि कानूनों के खिलाफ गाज़ीपुर बॉर्डर पर विरोध-प्रदर्शन कर रहे किसानों ने अरदास की.
गाज़ीपुर बॉर्डर पर कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन कर रहे किसानों ने अरदास की। #FarmLaws #FarmersProtest pic.twitter.com/vFqICBsUAV
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