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जबर्दस्त हंगामे के बीच किसान बिल राज्यसभा में पास, उप सभापति के सामने फाड़ी गई रूल बुक, जानिए- 10 बड़ी बातें

विपक्षी सांसदों ने हंगामा करते हुए उपसभा पति की माइक भी तोड़ दी. इससे पहले देखा गया कि बीजेपी सांसद भूपेंद्र यादव ने उप सभापति के आसन के पास पहुंचकर उनके कान में कुछ कहा.

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विपक्षी सांसदों के हंगामे के बीच राज्यसभा से दो किसान बिल पास हो गया.
नई दिल्ली:

जबर्दस्त हंगामे और विवाद के बीच राज्य सभा में दो किसान बिल (Farmers Bills) पास हो गया है. इस दौरान विपक्ष ने सदन में जमकर नारेबाजी की. सदन में टीएमसी सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने उप सभापति के आसन के पास पहुंचकर रूल बुक फाड़ दिया और आरोप लगाया कि सदन की कार्यवाही नियमों के खिलाफ हुई है. ब्रायन ने इसे लोकतंत्र की नृशंस हत्या करार दिया. विपक्षी सांसदों ने हंगामा करते हुए उप सभापति की माइक भी तोड़ने की कोशिश की. इससे पहले देखा गया कि बीजेपी सांसद भूपेंद्र यादव ने उप सभापति के आसन के पास पहुंचकर उनके कान में कुछ कहा. दोनों बिल लोकसभा से पहले ही पास हो चुके हैं. अब ये बिल राष्ट्रपति के पास भेजे जाएंगे.

सदन में क्या-क्या हुआ?
  1. जबर्दस्त हंगामे और विवाद के बीच राज्य सभा में दो किसान बिल (Farmers Bills) पास हो गया है. इस दौरान विपक्ष ने सदन में जमकर नारेबाजी की. 
  2. उप सभापति ने बिल पर वॉयस वोटिंग (ध्वनिमत) के जरिए फैसला कराया. इससे पहले सदन ने बिल को सेलेक्ट कमेटी के पास भेजने का मांग खारिज कर दी. बिल पास कराते समय सदन में जोरदार हंगामा चल रहा था. टीएमसी के अन्य सांसद भी ब्रायन के साथ हंगामा कर रहे थे और रूल बुक लहरा रहे थे.
  3. ओडिशा की सत्ताधारी पार्टी बीजू जनता दल ने बिल का विरोध करते हुए उसे सेलेक्ट कमेटी में भेजने की मांग की. तेलंगाना की सत्ताधारी पार्टी टीआरएस ने भी बिल का विरोध किया.
  4. दिल्ली की सत्ताधारी पार्टी आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह ने किसान बिल को काला कानून बताते हुए उसका विरोध किया और कहा कि सरकार पूंजीपतियों के हाथ कृषि क्षेत्र को सौंपना चाहती है.
  5. तमिलनाडु की सत्ताधारी पार्टी एआईएडीएमके ने बिल का समर्थन किया.
  6. बिहार में बीजेपी की सहयोगी और एनडीए के पार्टनर जेडीयू ने बिल का समर्थन किया. सदन में पार्टी के नेता रामचंद्र प्रसाद सिंह ने कहा कि बिहार 2006 में एपीएमसी अधिनियम से हटने वाला पहला राज्य था. तब से कृषि उत्पादन और खरीद एमएसपी के साथ बढ़ी है. आंध्र प्रदेश की सत्ताधारी पार्टी वाईएसआर कांग्रेस ने भी बिल का समर्थन किया.
  7.  किसान बिल के मुद्दे पर बीजेपी की सहयोगी पार्टी शिरोमणि अकाली दल ने सीधे-सीधे सरकार को चेतावनी दी. पार्टी सांसद नरेश गुजराल ने बिल पर चर्चा में भाग लेते हुए कहा कि बिल को पहले सेलेक्ट कमेटी में भेजा जाय, ताकि उसके हितधारकों का पक्ष जाना जा सके. इसके साथ ही गुजराल ने सरकार को चेतावनी दी कि किसानों को कमजोर समझने की भूल सरकार न करे.
  8. कांग्रेस सांसद प्रताप सिंह बाजवा ने बिल को किसानों की आत्मा पर प्रहार करार दिया है. बाजवा ने कहा, "बिल को समर्थन देने का मतलब किसानों के डेथ वारंट पर दस्तखत करने जैसा होगा. इसलिए उनकी पार्टी इस बिल का विरोध करती है." बाजवा ने कहा, "कांग्रेस पार्टी इस बिल को खारिज करती है... हम किसानों के इस डेथ वारंट पर हस्ताक्षर नहीं करेंगे." उन्होंने आगे कहा, "आप जैसा दावा कर रहे हैं, किसान उस लाभ को नहीं लेना चाहते हैं तो  फिर आप जबर्दस्ती उन्हें चारा देने की कोशिश क्यों कर रहे हैं?"
  9. पंजाब-हरियाणा के किसान बिल का विरोध कर रहे हैं और बिल वापस लेने की मांग पर आंदोलन कर रहे हैं.
  10. अब ये दोनों बिल राष्ट्रपति के पास भेजे जाएंगे. उनके दस्तखत के साथ ही ये कानून बन जाएंगे.

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