पंजाब में अगले साल की शुरुआत में विधानसभा चुनाव (Punjab Assembly Election 2022) होने हैं और ऐसे में राज्य की मुख्य विपक्षी पार्टी आम आदमी पार्टी पूरी ताकत से चुनाव प्रचार में लगी हुई है, लेकिन आम आदमी पार्टी से यह सवाल लगातार पूछा जा रहा है कि इन चुनावों के लिए उसका मुख्यमंत्री उम्मीदवार कौन होगा? पिछले काफी समय से एक नाम लगातार चर्चा में चल रहा है और वो हैं बलबीर सिंह राजेवाल (Balbir Singh Rajewal). ये नाम किसान आंदोलन के चलते सामने आया है. राजेवाल निर्विवाद रूप से पंजाब के किसानों के बड़े नेता हैं. पिछले 1 साल से दिल्ली की सरहदों पर बैठकर केंद्र सरकार के साथ हर बातचीत में बलबीर सिंह राजेवाल शामिल रहे हैं.
अब सरकार ने किसानों की मांगें मान ली हैं तो किसानों ने आंदोलन खत्म करने की घोषणा कर दी है, जिसके बाद शुक्रवार को किसानों ने गुरुद्वारा श्री बंगला साहिब जाकर मत्था टेका. एनडीटीवी से बातचीत करते हुए बलबीर सिंह राजेवाल ने आम आदमी पार्टी के मुख्यमंत्री उम्मीदवार होने के सवाल पर ये जवाब दिया.
सवाल: चर्चा है कि कहीं आम आदमी पार्टी के पंजाब में सीएम कैंडिडेट आप तो नहीं होंगे?
जवाब: मुझे तो किसी ने अप्रोच ही नहीं किया. यह बाहर ही चर्चा हो रही है.
सवाल: अच्छा! एप्रोच नहीं किया!
जवाब: नहीं मुझे नहीं किया
सवाल: अच्छा अगर अप्रोच करते हैं तो?
राजेवालः नहीं सोचा ही नहीं अभी तक, घर तो जाने दो 1 साल से यहां पर बैठे हुए हैं हम तो अभी घर ही नहीं गए.
सवाल: लेकिन आप यह कह रहे हैं कि अभी इस बारे में नकार नहीं रहे हैं किसी भी संभावना को?
जवाब: कुछ भी हो सकता है. लोगों की बात के मुताबिक होता है, लेकिन हमने इस बारे में सोचा नहीं है. हमने पहले से ही तय कर लिया था कि कोई भी पॉलिटिकल बात नहीं करेगा और जब आंदोलन समाप्त होगा उसके बाद बैठेंगे फिर देखेंगे क्या करना है क्या नहीं.
इस बातचीत में किसान नेता बलबीर सिंह राजेवाल आप के मुख्यमंत्री उम्मीदवार की बात को स्वीकार भी नहीं कर रहे हैं और नकार भी नहीं रहे हैं, लेकिन राजेवाल से हुई पूरी बातचीत से ऐसा लगता है कि अभी आगे के विकल्प खुले हुए हैं.
पंजाब विधानसभा चुनाव : AAP ने जारी की उम्मीदवारों की दूसरी सूची, देखें- किसे उतारा है मैदान में
राजेवाल ने खास बातचीत में बताया कि ‘ सैद्धांतिक तौर पर मैं यह समझता हूं कि राजनीतिक लोगों में जिस तरह की धारणा बन गई है यह देश के लिए अच्छी नहीं है. आज राजनीति कोई सेवा का माध्यम नहीं रह गई है बल्कि व्यापार हो गई है जिसमें लोग निवेश करते हैं और उसके बाद कमाते हैं. किसी राजनेता का मन यह नहीं होता कि जो लोग मुझको चुन कर भेज रहे हैं उनकी समस्याएं क्या हैं उनके लिए हमको क्या करना है उनके लिए कानून बनवाना है, नीतियां बनानी है, उसमें मैं क्या सहयोग कर सकता हूं. यह राजनेताओं के एजेंडे पर नहीं होता. वह केवल 15 दिन हाथ जोड़ते हैं, पैसे खर्च करते हैं और उसके बाद 5 साल लोगों के हाथ बंधवाते हैं और लोगों को लूटते हैं और जितने सरकारी अधिकारी हैं वह लोगों को लूटने में लगे रहते हैं लोगों को इंसाफ नहीं मिलता। तो यहां तक तो मैं सहमत हूं कि इसमें बदलाव आना चाहिए.'
पंजाब के मुख्यमंत्री का ऐलान, अवैध खनन की जानकारी देने वाले को मिलेगा 25 हजार का इनाम
आपको बता दें कि आम आदमी पार्टी के पंजाब के मुख्यमंत्री उम्मीदवार पद के लिए भगवंत मान का नाम भी संभावितों में है. भगवंत आम आदमी पार्टी की पंजाब इकाई के मुखिया हैं. दो बार संगरूर से लोकसभा के सांसद हैं. सबसे अहम बात यह कि 2019 में जब आम आदमी पार्टी कहीं पर भी चुनाव जीतने में नाकाम रही तब भगवंत मान ने संगरूर लोकसभा सीट दोबारा जीतकर लोकसभा में आम आदमी पार्टी का खाता खुलवाया था. आजकल पंजाब में आम आदमी पार्टी के मुखिया अरविंद केजरीवाल के कार्यक्रमों के दौरान भगवंत मान को मुख्यमंत्री उम्मीदवार के तौर पर समर्थन देते हुए नारे लगते रहते हैं.
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं