लोकसभा चुनाव 2024 के नतीजों की घोषणा 4 जून को की गई थी. इस चुनाव में बीजेपी ने 240 सीटे जीतीं और सबसे बड़ी पार्टी बन गई. बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए गठबंधन ने 293 सीटें हासिल कीं और 9 जून 2024 को अपनी सरकार बनाई. नरेंद्र मोदी ने तीसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ ली. इस संदर्भ में एक वीडियो (यहां, यहां और यहां) जिसमें एक व्यक्ति यह दावा कर रहा है कि वाराणसी में डाले गए कुल वोटों की संख्या इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) में गिने गए कुल वोटों से कम थी को लोकसभा चुनाव 2024 के साथ जोड़ा जा रहा है और इसे सोशल मीडिया पर व्यापक रूप से शेयर किया जा रहा है.
वीडियो में हम व्यक्ति को यह आरोप लगाते हुए सुन सकते हैं कि वाराणसी निर्वाचन क्षेत्र में लगभग 11 लाख वोट डाले गए थे. हालांकि, गिनती के बाद कुल संख्या 12.87 लाख निकली. उन्होंने आगे कहा कि अंतर 1.87 लाख था और पीएम मोदी का बहुमत 1.52 लाख था. उन्होंने कहा कि ऐसा 373 अन्य निर्वाचन क्षेत्रों में हुआ. इस आर्टिकल के जरिए पोस्ट में किए गए दावे की सच्चाई की हम जांच कर रहे हैं.
इस पोस्ट के अन्य वर्जन को आप यहां, यहां और यहां देख सकते हैं.
दावा : 2024 में हुए लोकसभा चुनावों में वाराणसी में डाले गए वोटों और इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) में गिने गए वोटों में विसंगति है.
तथ्य : यही वीडियो 2024 के लोकसभा चुनाव शुरू होने से पहले यानी 19 अप्रैल 2024 से पहले वायरल हुआ था. इसका मतलब है कि वायरल वीडियो में 2019 के चुनावों का ज़िक्र है. चुनाव आयोग ने 2019 के लोकसभा चुनाव में वाराणसी सीट पर डाले गए और गिने गए वोटों में अंतर के दावों को खारिज कर दिया है.
चुनाव आयोग के अनुसार, 2019 के वाराणसी चुनाव में कुल मतदाता 18,56,791 थे. इनमें से 10,58,744 ने ईवीएम के ज़रिए मतदान किया था. चुनाव आयोग के अनुसार, 2024 के लोकसभा आम चुनाव के लिए वाराणसी लोकसभा क्षेत्र में पंजीकृत मतदाताओं की कुल संख्या 19,97,578 है.
ईसीआई द्वारा प्रकाशित 2024 के लोकसभा चुनाव परिणामों के अनुसार, वाराणसी लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने वाले पीएम मोदी ने 1,52,513 मतों के अंतर से चुनाव जीता है. इस चुनाव में वाराणसी लोकसभा क्षेत्र में कुल 11,30,143 वोट पड़े, जिनमें से 11,27,081 ईवीएम वोट और 3,062 पोस्टल बैलेट वोट थे इसलिए, पोस्ट में किया गया दावा झूठा है.
हाल ही में जारी 2024 के लोकसभा चुनाव के नतीजों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा था और उन्होंने इस सीट से जीत भी हासिल की. इस पृष्ठभूमि में, एक वायरल पोस्ट में दावा किया जा रहा है कि वाराणसी लोकसभा सीट पर डाले गए वोटों से ज़्यादा वोटों की गिनती की गई है.
यहां ध्यान देने वाली बात ये है कि 2024 के लोकसभा चुनाव होने से पहले यानी कि 19 अप्रैल 2024 से पहले भी यह वीडियो उपलब्ध था. इसका मतलब ये है कि यह वीडिय 2019 के चुनावों के वक्त का है. इस वीडियो से संबंधित फैक्टली द्वारा पब्लिश किया गया फैक्ट-चैक पोस्ट भी अप्रैल 2024 में वायरल हुआ था, जिसे आप यहां देख सकते हैं.
अप्रैल 2024 में जब यह वीडियो वायरल हुआ, तो 07 अप्रैल 2024 को भारत के चुनाव आयोग ने एक्स (ट्विटर) पर ऐसे ही एक पोस्ट पर प्रतिक्रिया देते हुए दावे का खंडन (आर्काइव लिंक) किया और इसे फर्जी बताया था. साथ ही इस पोस्ट में चुनाव आयोज ने स्पष्ट किया 2019 में हुए चुनावों में वाराणसी में 18,56,791 वोटर्स थे. उनमें से 10,58,744 मतदाओं ने वोट ईवीएम के जरिए वोट किया था और 2,085 वोटर्स ने पोस्टल बैलट के जरिए वोट किए थे.
इलेक्शन कमीशन ने यह भी स्पष्ट किया (आर्काइव लिंक) था कि उसने कभी भी ऐसा कोई बयान जारी नहीं किया जिसमें कहा गया हो कि 2019 के लोकसभा चुनावों में 373 संसदीय क्षेत्रों में कुल मतदाताओं और ईवीएम में डाले गए वोटों के बीच अंतर पाया गया था.
False Claim 1: false claim is made in a video regarding mismatch of electors & votes polled in #EVM in VaranasiPC during #GE2019
— Election Commission of India (@ECISVEEP) April 7, 2024
Reality: claim is misleading& fake. Total Electors in VaranasiPC were 18,56,791. Total votes polled & counted in EVM-10,58,744 & postal votes-2085
1/3 https://t.co/RIonUYT4Ef
इसके अलावा, चुनाव आयोग ने 2019 के लोकसभा चुनाव में प्रत्येक संसदीय क्षेत्र के लिए मतदाताओं की संख्या और डाले गए वोटों पर विस्तृत डेटा जारी किया है. यह जानकारी भी पुष्टि करती है कि वायरल दावा गलत है. इस डेटा के अनुसार, 2019 के लोकसभा चुनाव में वाराणसी में कुल मतदाताओं की संख्या 18,56,791 थी और 10,60,829 वोट डाले गए थे.
ईसीआई द्वारा अपनी वेबसाइट पर प्रकाशित 2024 के लोकसभा चुनाव परिणामों के अनुसार, वाराणसी लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने वाले प्रधानमंत्री मोदी ने 1,52,513 मतों के अंतर से चुनाव जीता था. इस चुनाव में, वाराणसी लोकसभा क्षेत्र में कुल 11,30,143 वोट पड़े, जिनमें से 11,27,081 ईवीएम वोट थे और 3,062 पोस्टल बैलेट से डाले गए थे.
2024 के लोकसभा चुनाव के 7वें और अंतिम चरण में मतदाता मतदान (वोटिंग प्रतिशत) के संबंध में 06 जून 2024 को ईसीआई द्वारा जारी प्रेस नोट के अनुसार, वाराणसी लोकसभा क्षेत्र में पंजीकृत मतदाताओं की कुल संख्या 19,97,578 है जबकि कुल मतदान 11,28,527 (डाक मतपत्रों को छोड़कर) है.
हम 06 जून 2024 की ईसीआई प्रेस विज्ञप्ति में बताए गए ईवीएम वोटों की संख्या और ईसीआई द्वारा प्रकाशित चुनाव परिणामों के अनुसार गिने गए ईवीएम वोटों की संख्या के बीच 1,446 वोटों का अंतर देख सकते हैं.
ईवीएम में डाले गए मतों और गिने गए मतों की संख्या में अंतर क्यों है?
उत्तर प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ उत्तर प्रदेश) ने एक्स (ट्विटर) (संग्रहीत लिंक) पर एक पोस्ट पर रिएक्ट किया, जिसमें कई संसदीय क्षेत्रों में ईवीएम द्वारा दर्ज किए गए वोटों और ईवीएम द्वारा गिने गए वोटों के बीच अंतर को उजागर किया गया था और बताया गया था कि ऐसा अंतर क्यों होता है.
इस स्पष्टीकरण के अनुसार, डाले गए मतों और गिने गए मतों के बीच अंतर इसलिए उत्पन्न हो सकता है क्योंकि कुछ मतदान केंद्रों के मतों की गणना, आयोग द्वारा जारी किए गए प्रोटोकॉल के अनुसार नहीं की जाती है और यह विभिन्न मैनुअल और हैंडबुक (जैसे, मतगणना एजेंटों के लिए हैंडबुक का पैरा 11.4) में उल्लिखित है. ये मतदान केंद्र दो श्रेणियों में आते हैं :
जहां पीठासीन अधिकारी वास्तविक मतदान शुरू करने से पहले नियंत्रण इकाई से मॉक पोल डेटा को क्लियर करने में गलती कर देता है या वास्तविक मतदान शुरू करने से पहले वीवीपीएटी से मॉक पोल पर्चियों को हटाने में विफल रहता है. जहां नियंत्रण इकाई में डाले गए कुल मत, पीठासीन अधिकारी द्वारा तैयार किए गए फॉर्म 17-सी में दर्ज मतों के रिकॉर्ड से मेल नहीं खाते, वहां पीठासीन अधिकारी गलती से गलत संख्या दर्ज कर देता है.
इन दो श्रेणियों के मतदान केंद्रों से मतों की गणना मतगणना प्रक्रिया के अंत में तभी की जाती है, जब ऐसे सभी मतदान केंद्रों में डाले गए कुल मत पहले और दूसरे उम्मीदवारों के बीच के अंतर के बराबर या उससे अधिक हों. यदि कुल अंतर से कम है, तो मतों की गिनती बिल्कुल नहीं की जाती है, जिसके परिणामस्वरूप ईवीएम द्वारा डाले गए कुल मतों और गिने गए मतों के बीच अंतर होता है.
The difference can arise between votes polled and votes counted because there are certain polling stations whose votes polled are not counted as per the extant protocol issued by the Commission and provided in various Manuals and Handbooks( e.g Para 11.4 of the Handbook for… https://t.co/FrfrGDX57g
— CEO UP #IVote4Sure (@ceoup) June 6, 2024
वायरल वीडियो में दिख रहे व्यक्ति के बारे में अधिक जानने के लिए हमने संबंधित खोज की और पाया कि वीडियो में दिख रहे व्यक्ति वामन मेश्राम हैं, जो पिछड़ा एवं अल्पसंख्यक समुदाय कर्मचारी महासंघ (बामसेफ) के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं. हमें पता चला कि उन्होंने 31 जनवरी 2024 को भारत के चुनाव आयोग कार्यालय पर ईवीएम के इस्तेमाल के खिलाफ हजारों लोगों के साथ विरोध प्रदर्शन किया था और आरोप लगाया था कि सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी ईवीएम का दुरुपयोग कर रही है.
संक्षेप में, एक पुराना वीडियो गलत तरीके से शेयर किया जा रहा है, जिसमें दावा किया जा रहा है कि हाल ही में हुए 2024 के लोकसभा चुनावों में वाराणसी लोकसभा सीट के लिए डाले गए वोटों और गिने गए वोटों में अंतर है.
(यह आर्टिकल मूलतः FACTLY द्वारा प्रकाशित किया गया था, तथा शक्ति कलेक्टिव के भाग के रूप में NDTV द्वारा पुनः प्रकाशित किया गया है)
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