
ईरान और इजरायल के बीच संघर्ष तेज होता जा रहा है. दोनों देशों के शीर्ष नेताओं के बयानों से लगता है कि यह संघर्ष अभी थमने वाला नहीं है. इसका भारत पर क्या असर होगा, इसे लेकर लगातार सवाल पूछे जा रहे हैं. खासतौर पर भारत के निर्यात पर इसका क्या असर होगा? इसे लेकर एनडीटीवी ने फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट ऑर्गेनाइजेशन के महानिदेशक और सीईओ अजय सहाय से बातचीत की है. उन्होंने बताया कि ईरान और इजरायल के बीच युद्ध की वजह से भारत और सेंट्रल एशिया के देशों के बीच व्यापार पर भी असल पड़ने की आशंका लगातार बढ़ती जा रही है. साथ ही बासमती चावल से चाय सहित कई वस्तुओं पर असर पड़ रहा है.
FIEO के महानिदेशक और सीईओ अजय सहाय ने कहा कि ईरान और इजरायल के बीच युद्ध का सबसे ज्यादा असर भारत से ईरान एक्सपोर्ट होने वाले बासमती चावल पर पड़ा है. ईरान-इजरायल संघर्ष ने भारत और ईरान के साथ ही भारत और इजरायल के बीच संयुक्त रूप से 2.5 अरब अमेरिकी डॉलर के द्विपक्षीय व्यापार को बुरी तरह प्रभावित किया है.
चावल के साथ चाय के निर्यात पर भी असर
उन्होंने कहा कि हमने पिछले साल करीब 6,000 करोड़ रुपए का बासमती चावल ईरान को एक्सपोर्ट किया था, लेकिन इस युद्ध की वजह से यह करीब 35% तक घट गया है.
साथ ही उन्होंने ईरान की निर्यात की जाने वाली चाय को लेकर कहा कि भारत से ईरान को होने वाला चाय का एक्सपोर्ट भी रुक गया है. हमने पिछले साल ईरान को 700 करोड़ रुपये की चाय का निर्यात किया था.
सहाय ने साफ तौर पर कहा कि ईरान की मुद्रा का अवमूल्यन हो गया है और औसत ईरानी नागरिक की क्रय शक्ति में गिरावट आई है.
गैर-जरूरी लग्जरी गुड्स की डिमांड घटी: सहाय
FIEO के सीईओ ने कहा कि अभी दुनिया में दो युद्ध चल रहे हैं. इसकी वजह से यूरोपियन मार्केट में जो गैर-जरूरी लग्जरी गुड्स हैं, उनकी डिमांड तेजी से घटी है. इसकी वजह से भारत से एक्सपोर्ट होने वाले कारपेट और दूसरे लग्जरी सामानों की मांग भी काफी कम हो गई है.
ईरान और इजरायल के बीच युद्ध की वजह से भारत और सेंट्रल एशिया के देशों के बीच व्यापार पर भी असल पड़ने की आशंका लगातार बढ़ती जा रही है.
कॉमर्स सेक्रेटरी ने आज स्टेकहोल्डर के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक की है, जिसमें इस युद्ध के असर की विस्तार से समीक्षा की गई.
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