
- ईरान ने इजरायल पर आम लोगों को मारने का आरोप लगाया है.
- साथ ही तीसरे देशों के हस्तक्षेप पर गंभीर परिणाम भुगतने की चेतावनी भी दी है.
- ईरान ने कहा है कि 1000 भारतीय छात्रों को जल्द भारत लाया जाएगा.
ईरान और इजरायल एक-दूसरे पर लगातार हमले कर रहे हैं. इस संघर्ष के बढ़ने की आशंका के मद्देनजर पूरी दुनिया चिंतित है. साथ ही आम लोगों के मारे जाने को लेकर भी चिंता जताई जा रही है. इस संघर्ष को लेकर भारत में ईरान के दूतावास ने इजरायल पर आम लोगों को मारने का आरोप लगाया है. साथ ही ईरान दूतावास के उप प्रमुख मोहम्मद जावेद हुसैनी ने कहा कि अभी तक ऐसा कोई सबूत नहीं मिला है कि ईरान परमाणु बम बना रहा है फिर भी इस बहाने से हमला किया गया है. साथ ही उन्होंने कहा कि इस जंंग में यदि कोई तीसरा देश शामिल हुआ तो अंजाम बुरा होगा.
ईरान के दूतावास के उप प्रमुख मोहम्मद जावेद हुसैनी ने एक प्रेस ब्रीफिंग में कहा कि ईरान का परमाणु कार्यक्रम शांतिपूर्ण मकसद के लिए है. साथ ही कहा कि ईरान को आत्मरक्षा का अधिकार है और उसी अधिकार के तहत हम जवाब दे रहे हैं.
'हम जंग नहीं चाहते लेकिन...'
उन्होंने साफ कहा कि ईरान के पास कोई परमाणु बम नहीं है. हम कोई जंग नहीं चाहते हैं, लेकिन हम किसी दबाव में नहीं आएंगे.

भारतीयों की सुरक्षित निकासी पर क्या कहा?
इस दौरान उन्होंने भारत को धन्यवाद देते हुए कहा कि ईरान भारत का शुक्रगुजार है, जिसने ईरान के लोगों के प्रति संवेदना जताई है.
इस दौरान हुसैनी ने इजरायल-ईरान संघर्ष के दौरान भारतीयों की सुरक्षित निकासी को लेकर कहा कि हम भारतीयों की सुरक्षित निकासी के लिए भारत सरकार के साथ मिल कर काम कर रहे हैं.

उम्मीद है इजरायल के हमलों की निंदा करेगा भारत: ईरान
उन्होंने कहा कि हमें भारत से उम्मीद है कि ईरान नहीं बल्कि अंतरराष्ट्रीय नियमों की खातिर भारत, इज़रायल के हमलों की निंदा करेगा. साथ ही उन्होंने कहा कि ईरान के कई सैन्य अधिकारियों की भी हत्या की गई है.
बता दें कि ईरान के परमाणु कार्यक्रम और सैन्य क्षमताओं को खत्म या कमजोर करने के लिए 13 जून को इजरायल ने ‘आपरेशन राइजिंग लॉयन' शुरू किया था, जिसमें कम से कम 14 परमाणु वैज्ञानिकों के मारे जाने की आशंका है.
मारे गए लोगों में ईरान के इस्लामिक आजाद विश्वविद्यालय के प्रमुख और सैद्धांतिक भौतिक विज्ञानी मोहम्मद मेहदी तेहरानची और ईरान के परमाणु ऊर्जा संगठन का नेतृत्व करने वाले परमाणु इंजीनियर फेरेयदून अब्बासी-दवानी भी शामिल थे.
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