संसद की तस्वीर
नई दिल्ली:
आम आदमी पार्टी ने अपने विधायकों की तनख़्वाह क्या बढ़ाई सांसदों को भी एक बार फिर मुद्दा मिल गया ये कहने का कि उनकी पगार कितनी कम है।
"हम लोगों को सिर्फ़ 50000 रुपये पगार मिलती है, जोकि कम है" ये कहना है भगवंत मान का है जोकि आप पार्टी के सांसद हैं। उनका कहना है कि तनख़्वाह इतनी काम है कि उन्हें गाने गाकर अपना गुज़रा करना पड़ता है।
"अगर आप लोग चाहते हो कि सांसद घोटाला ना करे गड़बड़ी ना करे तो उनकी तनख्वाह बढ़ा देनी चाहिए।" मान ने नसीहत दे डाली कि सभी पार्टी के सांसद भत्ता ज़्यादा चाहते हैं। फ़िलहाल सांसदों की तनख़्वाह 50000 रुपये है और 45000 रुये उन्हें अपने इलाक़े का भत्ता मिलता है और 45000 रुपये अपने स्टाफ़ के लिए। यही नहीं अगर वो संसद में आते है अटेंडन्स रेजिस्टर साइन करते हैं तो हर रोज़ 2000 रुपये मिलते हैं।
इसके अलावा बिज़नेस क्लास का एयर टिकट जितनी बार भी वो सफ़र करें। यही नहीं ट्रैवल अलाऊन्स का 25 फीसदी और भत्ता मिलता है। यानी कुल मिलाकर उन्हें 1.5 लाख रुपये हर महीने मिलता है।
अभी हाल में व्हिप्स कॉन्फ्रेंस में सांसदों ने प्रस्ताव दिया कि उनकी तनख़्वाह 1.5 गुना बड़ा दी जानी चाहिए। इस पर सरकार ने मोटे तौर पर निर्णय लिया कि ये बढ़ाकर 2.8 लाख रुपये कर दिया जाना चाहिए।
इस रक़म तक आने के लिए 37 देशों की पार्लियामेंट के सांसदों की तनख्वाह का अध्ययन किया गया। ऑस्ट्रिया से लेकर ब्राज़ील तक के बारे में चर्चा हुई।
हालांकि अभी ये फ़ैसला इतनी जल्दी नहीं होने जा रहा क्योंकि इसमें कई अड़चनें हैं, लेकिन ये साफ़ है कि इस मुद्दे पर सभी सांसद बेशक कैमरे पर आप पार्टी की आलोचना करें, लेकिन दिल में सब उसके इस फ़ैसले का समर्थन करते हैं और करें भी क्यों ना आख़िर दिल तो मांगे मोर।
आइए देंखें भारतीय रुपये में कुछ देश का हाल कि वहां कितना वेतन पाते हैं सांसद -
नेपाल - 27353 रुपये महीना
श्रीलंका - 25330 रुपये महीना
यूरोप - 5,73,242 रुपये महीना
नीदरलैंड - 522570 रुपये महीना
ऑस्ट्रिया - 593644 रुपये महीना
रूस - 355000 रुपये महीना
ट्यूनिशिया -7952 रुपये महीना
"हम लोगों को सिर्फ़ 50000 रुपये पगार मिलती है, जोकि कम है" ये कहना है भगवंत मान का है जोकि आप पार्टी के सांसद हैं। उनका कहना है कि तनख़्वाह इतनी काम है कि उन्हें गाने गाकर अपना गुज़रा करना पड़ता है।
"अगर आप लोग चाहते हो कि सांसद घोटाला ना करे गड़बड़ी ना करे तो उनकी तनख्वाह बढ़ा देनी चाहिए।" मान ने नसीहत दे डाली कि सभी पार्टी के सांसद भत्ता ज़्यादा चाहते हैं। फ़िलहाल सांसदों की तनख़्वाह 50000 रुपये है और 45000 रुये उन्हें अपने इलाक़े का भत्ता मिलता है और 45000 रुपये अपने स्टाफ़ के लिए। यही नहीं अगर वो संसद में आते है अटेंडन्स रेजिस्टर साइन करते हैं तो हर रोज़ 2000 रुपये मिलते हैं।
इसके अलावा बिज़नेस क्लास का एयर टिकट जितनी बार भी वो सफ़र करें। यही नहीं ट्रैवल अलाऊन्स का 25 फीसदी और भत्ता मिलता है। यानी कुल मिलाकर उन्हें 1.5 लाख रुपये हर महीने मिलता है।
अभी हाल में व्हिप्स कॉन्फ्रेंस में सांसदों ने प्रस्ताव दिया कि उनकी तनख़्वाह 1.5 गुना बड़ा दी जानी चाहिए। इस पर सरकार ने मोटे तौर पर निर्णय लिया कि ये बढ़ाकर 2.8 लाख रुपये कर दिया जाना चाहिए।
इस रक़म तक आने के लिए 37 देशों की पार्लियामेंट के सांसदों की तनख्वाह का अध्ययन किया गया। ऑस्ट्रिया से लेकर ब्राज़ील तक के बारे में चर्चा हुई।
हालांकि अभी ये फ़ैसला इतनी जल्दी नहीं होने जा रहा क्योंकि इसमें कई अड़चनें हैं, लेकिन ये साफ़ है कि इस मुद्दे पर सभी सांसद बेशक कैमरे पर आप पार्टी की आलोचना करें, लेकिन दिल में सब उसके इस फ़ैसले का समर्थन करते हैं और करें भी क्यों ना आख़िर दिल तो मांगे मोर।
आइए देंखें भारतीय रुपये में कुछ देश का हाल कि वहां कितना वेतन पाते हैं सांसद -
नेपाल - 27353 रुपये महीना
श्रीलंका - 25330 रुपये महीना
यूरोप - 5,73,242 रुपये महीना
नीदरलैंड - 522570 रुपये महीना
ऑस्ट्रिया - 593644 रुपये महीना
रूस - 355000 रुपये महीना
ट्यूनिशिया -7952 रुपये महीना
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