यूरो मंगलवार को 2002 के बाद से डॉलर के मुकाबले सबसे निचले स्तर पर पहुंच गया, क्योंकि डेटा ने यूरोज़ोन में बढ़ती मंदी के जोखिम की ओर इशारा किया, जिससे डॉलर के मुकाबले यूरो 20 साल के निचले स्तर पर पहुंच गया. यूरोपीय सिंगल करेंसी में एक प्रतिशत की गिरावट आई क्योंकि अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने ब्याज दरों में जबरदस्त बढ़ोतरी की.
वहीं बता दें कि विदेशी कोषों की बिकवाली जारी रहने के चलते रुपया मंगलवार को शुरुआती कारोबार में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले नौ पैसे की गिरावट के साथ 79.04 पर आ गया. अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 79.04 पर खुला, जो पिछले बंद भाव के मुकाबले नौ पैसे की गिरावट दर्शाता है.
रुपया सोमवार को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 78.95 पर बंद हुआ था. इस बीच छह प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले अमेरिकी डॉलर की स्थिति को दर्शाने वाला डॉलर सूचकांक 105.14 पर था.
वैश्विक तेल बेंचमार्क ब्रेंट क्रूड वायदा 0.03 प्रतिशत गिरकर 113.47 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया. शेयर बाजार के अस्थाई आंकड़ों के मुताबिक- विदेशी संस्थागत निवेशकों ने सोमवार को शुद्ध रूप से 2,149.56 करोड़ रुपये के शेयर बेचे.
(इनपुट्स भाषा से भी)
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