
- भारत के सबसे उम्रदराज हाथी वास्तला का मध्य प्रदेश के पन्ना स्थित हाथी कैंप में निधन हो गया, जो शांत स्वभाव की विशालकाय हाथी थी.
- जंगल में रहने वाले हाथी कैद में रहने वाले हाथियों की तुलना में दोगुनी उम्र तक जीवित रहते हैं, क्योंकि उनका प्राकृतिक माहौल और सामाजिक जुड़ाव बेहतर होता है.
- हाथी अपने प्रियजनों की मौत पर शोक मनाते हैं और मरे हुए हाथियों के शव के पास घंटों तक खड़े रहकर उन्हें सूंड से छूते और सम्मान देते हैं.
एशिया की सबसे उम्रदराज हथिनी 'वत्सला' का मध्य प्रदेश के पन्ना स्थित उसके प्रिय हाथी कैंप में निधन हो गया. 100 साल से ज्यादा उम्र तक जीने वाली वत्सला एक शांत स्वभाव की विशालकाय हथिनी थी. भारत में हाथियों को भारतीय संस्कृति में बुद्धिमत्ता, ताकत और स्मृति का प्रतीक माना गया है, उनके बारे में आपके कभी सोचा है कि वे आखिर जीते कितने साल हैं? आमतौर पर जंगलों में रहने वाले हाथी 60 से 70 साल तक जी सकते हैं, लेकिन अगर यही हाथी कैद में रहें, जैसे कि चिड़ियाघर या निजी बाड़े में तो उनकी उम्र घटकर आधी हो सकती है. डिस्कवरी पर दिखाए गए एक रिसर्च बेस्ड शो में ऐसा बताया गया है. कई रिसर्च में ये बात सामने आई है कि जंगल में जीने वाले हाथी, कैद में रहने वाले हाथियों की तुलना में दोगुनी उम्र तक जीवित रहते हैं. इसकी बड़ी वजह है- उनका प्राकृतिक माहौल, स्वतंत्र घूमना और सामाजिक जुड़ाव.
आइए पहले जरा इस दुनिया से विदा ले चुकी जंगलों की दादी-नानी रहीं वत्सला का वैभव देखिए..
Farewell to Vastala.
— Susanta Nanda IFS (Retd) (@susantananda3) July 9, 2025
India's oldest recorded elephant, who passed away at her beloved elephant camp at Panna recently.
A gentle giant who raised generations of calves and played a vital role in tiger rescues. Her legacy of strength and compassion will live on 💔 pic.twitter.com/7P1Ib0lbVV

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री ने वत्सला को कुछ यूं श्रद्धांजलि दी.
लेकिन हाथियों के बारे में और भी बहुत सी रोचक बातें हैं, जो शायद आपने पहले कभी न सुनी हों.
यह वीडियो छत्तीसगढ़ के रायगढ़ का है. हाथी और हथिनी अपने परिवार के साथ कैसे मस्ती करते हैं, इसमें देखा जा सकता है. अरे! ये तो हम इंसानों जैसे ही हैं... यह वीडियो देख आपके मन में यह बात जरूर आएगी!
#WATCH | Chhattisgarh: Raigarh Forest Department's drone captured a herd of elephants with their calves playing in the mud in the monsoon season. Visuals from Dharamjaigarh Forest Division. (08.07.2025)
— ANI (@ANI) July 9, 2025
(Video Source: Chhattisgarh Forest Department) pic.twitter.com/BheMJESyxs
हमारी-आपकी तरह हाथी भी मनाते हैं शोक!
ये सुनकर शायद आप चौंक जाएं, लेकिन हाथी अपने प्रियजनों की मौत पर दुख मनाते हैं. नेशनल ज्योग्राफिक की एक रिपोर्ट के अनुसार, जंगलों में कई बार उन्हें मरे हुए हाथियों के शव के पास घंटों या दिनों तक खड़े देखा गया है. वे शव को सूंड से छूते हैं, कभी-कभी रोते हैं या शव को साथ लेकर चलते हैं. इतना ही नहीं, वे किसी अनजान मरे हुए हाथी के पास भी 'सम्मान' देने जाते हैं. यह उनकी भावनात्मक गहराई का प्रमाण है.
महिलाएं होती हैं झुंड की मुखिया
हाथियों का समाज मातृसत्तात्मक होता है यानी झुंड की अगुवाई एक मादा करती है. BBC की एक रिपोर्ट के मुताबिक, नर हाथी किशोरावस्था के बाद झुंड छोड़ देते हैं और अलग रहते हैं, लेकिन मादा हाथी जीवनभर अपनी मां और अन्य मादाओं के साथ रहती हैं. यह झुंड सालों तक एक-साथ चलता है और दिशा तय करने से लेकर सुरक्षा तक की जिम्मेदारी लीडर मादा की होती है.

हाथियों के कब्रिस्तान नहीं होते
हॉलीवुड फिल्मों में आपने हाथियों के कब्रिस्तान देखे होंगे, लेकिन हकीकत में ऐसा कुछ नहीं होता. ये एक पुरानी मिथ है, जिसका इस्तेमाल कभी शिकारियों ने किया ताकि वे एक जगह बहुत सारा हाथी दांत पा सकें. विज्ञान के पास ऐसा कोई पुख्ता प्रमाण नहीं है कि हाथी किसी खास जगह मरने जाते हैं.
बहुत तेज होती है हाथियों की याददाश्त
हाथियों के बारे में कहा जाता है कि वो कुछ नहीं भूलते और यह काफी हद तक सच है. मौसम बदलने पर जब हाथी प्रवास करते हैं, तो वे हर साल उसी रास्ते से जाते हैं. क्यों? क्योंकि उन्हें रास्ते में मिलने वाले पानी के स्रोत, छांव और खतरे याद रहते हैं. उनके दिमाग की संरचना और आकार उन्हें बेहतरीन मेमोरी पावर देता है.

मूंगफली से नहीं है कोई खास लगाव
कार्टून फिल्मों में आपने अक्सर हाथियों को मूंगफली खाते देखा होगा. लेकिन असलियत यह है कि हाथी मूंगफली खाते ही नहीं! ये उनके लिए बहुत छोटे होते हैं और अधिकतर हाथियों को ये पसंद भी नहीं. तो अगली बार अगर कोई कहे कि हाथी मूंगफली का दीवाना होता है, तो उससे प्रमाण जरूर मांगिए. हाथी की उम्र से लेकर जीवनशैली तक हर चीज में एक अनोखापन है.
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