हरियाणा विधानसभा चुनाव परिणाम (Haryana Assembly Election Results) में बीजेपी को पूर्ण बहुमत हासिल नहीं होने पर विपक्ष पार्टी कांग्रेस के तमाम दिग्गज नेता जमकर हमला कर रहे हैं. गुरुवार को मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ (Kamalnath) ने हरियाणा (Haryana) में BJP को बहुमत नहीं मिलने पर कहा है कि भाजपा नेताओं को स्वीकार करना चाहिए कि उन्हें लोगों द्वारा अस्वीकार कर दिया गया है. मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में कांग्रेस (Congress) की बैठक में कमलनाथ ने कहा, ''हरियाणा में उन्हें (BJP) बहुमत नहीं मिला, भाजपा नेताओं को स्वीकार करना चाहिए कि उन्हें लोगों द्वारा अस्वीकार कर दिया गया है. अब वे अन्य दलों और निर्दलीय उम्मीदवारों के साथ 'जुगाड़' करेंगे, वे सरकार बनाएंगे, लेकिन लोग इसे नहीं भूलेंगे.
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#WATCH Madhya Pradesh CM, Kamal Nath in Bhopal: In Haryana they didn't get majority, BJP leaders should accept that they have been rejected by people. Now they will do 'jugaad' with other parties & independents, they will form government, but people will not forget it. (24.10.19) pic.twitter.com/WSlabtAmNt
— ANI (@ANI) October 24, 2019
वहीं, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी गुरुवार को हरियाणा और महाराष्ट्र के चुनाव परिणामों को भाजपा की नैतिक हार बताया. गहलोत ने कहा कि कांग्रेस मुक्त भारत की बात करने वालों के लिए ये चुनाव परिणाम बड़ा झटका हैं. हरियाणा में जनता ने सत्तारूढ़ भाजपा के खिलाफ जनादेश दिया है और भाजपा के 'अबकी बार 75 पार' के नारे को नकार दिया है, वहीं महाराष्ट्र में भी भाजपा और उनके सहयोगी दलों की सीटें कम होना और कांग्रेस के प्रति विश्वास बढ़ना हमारे लिए सकारात्मक संकेत है.
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उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र और हरियाणा के चुनाव परिणाम भारतीय जनता पार्टी और मोदी जी को आइना दिखाने वाले हैं कि जिस रूप में राष्ट्रवाद, धारा 370 और भावनात्मक मुद्दों सहित झूठ और भ्रम की जो राजनीति की जा रही है, जिस तरह से डर, हिंसा और अविश्वास का माहौल देश में बनाया जा रहा है उसे जनता अब समझ रही है और मुद्दा विहीन राजनीति को देश की जनता ने नकारना शुरू कर दिया है.
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अशोक गहलोत कहा कि हमारे नेता राहुल गांधी जी लगातार कहते हैं कि प्रधानमंत्री लोगों का ध्यान जमीनी मुद्दों से दूर ले जाते हैं. जो आमजन के मुद्दे हैं उसके बारे में एक शब्द नहीं बोलते. उन्होंने कहा कि वस्तु एवं सेवा कर और नोटबंदी ने छोटे और मझौले उद्यमियों, किसानों, मजदूरों और गरीब लोगों की कमर तोड़ दी है, बेरोजगारी की समस्या देश में लगातार बनी हुई है. लेकिन सरकार की इस ज्वलंत मुद्दे को लेकर कोई गंभीरता नहीं है.
(इनपुट भाषा से भी)
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