गणतंत्र दिवस की परंपरागत परेड के लिए राष्ट्रीय राजधानी में जमीन से आसमान तक सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं और हर तरह के खतरे से निपटने के लिए हजारों की संख्या में सुरक्षा बल किसी अप्रिय घटना या संभावित आतंकी हमलों को विफल करने के लिए कड़ी सतर्क निगाह रखे हुए हैं।
राजपथ से लाल किले के आठ किलोमीटर लंबे परेड मार्ग के इर्द-गिर्द ऊंची इमारतों पर अचूक निशानेबाज जवान तैनात किए गए हैं, वहीं आसमान से किसी संभावित खतरे को नाकाम करने के लिए विमानभेदी तोपें भी लगाई गई हैं।
सुरक्षा व्यवस्था में दिल्ली पुलिस और अर्धसैनिक बलों के लगभग 25 हजार जवान और राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड राजधानी के चप्पे-चप्पे पर निगरानी रख रहे हैं। सुरक्षाकर्मी भीड़ भाड़ वाले बाजारों, रेलवे स्टेशनों, बस अड्डों और अन्य संवदेनशील संस्थानों एवं स्थलों पर खास नजर रख रहे हैं। ट्रैफिक पुलिस के 1500 अधिकारी और जवान भी परेड के मद्देनजर यातायात का प्रबंधन करने के लिए तैनात हैं।
परेड के दौरान उंची इमारतों पर अचूक निशानेबाज बंदूकधारी सुरक्षाकर्मी तैनात किए गए हैं। इस दौरान अधिकारी 150 सीसीटीवी कैमरों की मदद से राजपथ से लालकिल तक हर पल नजर रख रहे हैं। सुरक्षा इंतजाम पर नजर रखने के लिए एक केंद्रीय निगरानी केंद्र स्थापित किया गया है, जहां इन 150 कैमरों के फुटेज लगातार चलते रहेंगे और वरिष्ठ अधिकारी सुरक्षा-व्यवस्था का जायजा लेते रहेंगे।
दिल्ली पुलिस की एसडब्ल्यूएटी टीमों, विमान भेदी तोपों और राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड के अचूक निशानेबाजों को शहर के विभिन्न संवदेनशील इलाकों में तैनात किया गया है। दिल्ली से लगने वाली सभी सीमाओं और चेकपाइंट तथा बैरीकेड पर पड़ोसी राज्यों की मदद से वाहनों और लोगों की आवाजाही पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है।
शनिवार 6 बजे शाम से ही राजपथ पर वाहनों की आवाजाही पर रोक लगा दी गई है, जबकि बहादुर शाह जफर मार्ग, तिलक मार्ग और नेताजी सुभाष चंद्रबोस से लाल किले तक सुबह चार बजे से ही वाहनों की आवाजाही पर पाबंदी लगा दी गई। राजधानी के सभी मेट्रो स्टेशनों की पार्किंग को एहतियात के तौर पर शनिवार दोपहर 2 बजे से 26 जनवरी दोपहर 2 बजे तक के लिए बंद कर दिया गया।
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