दिल्ली के कथित शराब नीति (Delhi Excise Policy) घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय की कार्रवाई पर सवाल उठे हैं. इस मामले में आरोपी अरुण पिल्लई ने अपने बयान को वापस लेने की मांग करते हुए एक याचिका कोर्ट में दायर की है. पिल्लई का कहना है कि उनके बयान को जबरदस्ती लिया गया. कोर्ट ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को नोटिस जारी किया है. इस मामले में सोमवार को सुनवाई होगी. ईडी ने दिल्ली आबकारी नीति मामले में कथित अनियमितताओं संबंधी धनशोधन जांच के सिलसिले में अरुण रामचंद्रन पिल्लई को सोमवार को गिरफ्तार किया था.
ईडी ने पिल्लई की गिरफ्तारी यह दावा करते हुए की थी कि हैदराबाद के व्यवसायी ने 'साउथ ग्रुप' से 100 करोड़ रुपये की रिश्वत दिल्ली में आम आदमी पार्टी (आप) को पहुंचाने के वास्ते 'साठगांठ' की थी. पिल्लई को ईडी ने मंगलवार को एक अदालत में पेश किया गया था और अदालत ने उसको 13 मार्च तक संघीय जांच एजेंसी की हिरासत में भेज दिया था.
ईडी के अधिकारी धन शोधन रोकथाम कानून के तहत सिसोदिया का बयान दर्ज करने पिछले दिनों तिहाड़ जेल पहुंचे थे. सूत्रों ने बताया कि सिसोदिया से करीब पांच घंटे पूछताछ की गई. सीबीआई ने 2021-22 के लिए आबकारी नीति बनाने और इसके क्रियान्वयन में कथित भ्रष्टाचार के संबंध में 26 फरवरी को सिसोदिया को गिरफ्तार किया था और वह 20 मार्च तक न्यायिक हिरासत में हैं. सिसोदिया जेल की कोठरी संख्या एक में बंद हैं.
ऐसा आरोप है कि दिल्ली सरकार की शराब कारोबारियों को लाइसेंस देने के लिए 2021-22 की आबकारी नीति से उद्यमियों को सांठगांठ करने का अवसर दिया गया तथा कुछ डीलरों को अनुचित लाभ पहुंचाया गया, जिन्होंने इसके लिए कथित तौर पर घूस दी. आम आदमी पार्टी ने इस आरोप का जोरदार खंडन किया. बाद में यह नीति रद्द कर दी गयी और दिल्ली के उपराज्यपाल ने सीबीआई जांच की सिफारिश की जिसके बाद ईडी ने पीएमएलए के तहत आरोपियों के खिलाफ एक मामला दर्ज किया.
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