
- दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में 10 जुलाई को भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए. केंद्र हरियाणा के रेवाड़ी जिले के गुरवारा के पास था.
- भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर लगभग चार दशमलव एक मापी गई, जो मध्यम स्तर का भूकंप माना जाता है.
- पृथ्वी की बाहरी सतह कई बड़ी और छोटी टेक्टोनिक प्लेटों से बनी होती है, जो धीरे-धीरे एक-दूसरे के सापेक्ष हिलती रहती हैं.
दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) के अन्य हिस्सों में गुरुवार, 10 जुलाई को भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए. हरियाणा के रेवाड़ी जिले के गुरवारा के पास भूकंप का केंद्र था. भूकंप की अनुमानित तीव्रता रिक्टर स्केल पर लगभग 4.1 थी. चलिए आपको हम एकदम आसान भाषा में बताते हैं कि आखिर भूकंप क्यों आता है.

भूकंप क्यों आता है?
इसको समझने के लिए पहले हमें धरती की बनावट को जानना होगा. धरती की बाहरी सतह (जिसमें क्रस्ट और ऊपरी मेंटल आते हैं) 15 बड़ी और छोटी प्लेटों से बनी हुई है. ऐसा नहीं है कि ये प्लेट स्थिर हैं. बल्कि ये बहुत धीरे इधर-उधर घूमती हैं. जब ये प्लेट एक दूसरे के सापेक्ष (आमने-सामने) में मूव करते हुए एक-दूसरे से रगड़ खाती हैं, तब भूकंप आता है.

यूनाइटेड स्टेट्स जियोलॉजिकल सर्वे की साइट के अनुसार धरती के नीचे मौजूद ये प्लेट हमेशा धीरे-धीरे चलती हैं. घर्षण यानी फ्रिक्शन के कारण वे अपने किनारों पर अटक जाती हैं. इस कारण जब किनारे पर पड़ रहा तनाव फ्रिक्शन के फोर्स से ज्यादा हो जाता है, तो एनर्जी रिलीज होती है. जब यह एनर्जी लहर के रूप में धरती की परत से होकर गुजरती है तो हमें कंपन महसूस होता है. इसी कंपन को भूकंप आना कहते हैं और इसको रिक्टर स्केल पर नापते हैं.
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