प्रतीकात्मक तस्वीर
देहरादून:
उत्तरखंड के उत्तरकाशी में भूकंप के तेज झटके महसूस हुए हैं. गुरुवार की सुबह करीब 6 बजे जब भूकंप आया तो लोग सहम गये और अपने घरों से बाहर निकलने लगे. रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 4.0 मापी गई है. हालांकि, अभी तक इसमें किसी के हताहत होने की खबर नहीं है.
बता दें कि इससे पहले पिछले साल दिसंबर में उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग में तेज भूकंप के झटके महसूस किये गये थे. उत्तराखंड के रूद्रप्रयाग में 28 दिसंबर को भूकंप का झटका महसूस किया गया. रिक्टर पैमाने पर इसकी तीव्रता 4.7 मापी गई थी.
क्या है रिक्टर स्केल?
भूकंप कितना तीव्र है इसका अंदाज़ा रिक्टर स्केल से लगाया जाता है. यानी 6 से कम रिक्टर स्केल के भूकंप को तेज़ नहीं कहा जा सकता है क्योंकि उसमें हल्का कंपन महसूस होता है. वहीं 7 से 9 के बीच रिक्टर स्केल पर कई बार इमारतों के गिरने से लेकर समुद्री तूफान के आने तक का खतरा हो सकता है. वहीं जब भूकंप 9 से ऊपर के रिक्टर स्केल पर आता है तो अपने साथ भारी तबाही लेकर आता है.
बता दें कि इससे पहले पिछले साल दिसंबर में उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग में तेज भूकंप के झटके महसूस किये गये थे. उत्तराखंड के रूद्रप्रयाग में 28 दिसंबर को भूकंप का झटका महसूस किया गया. रिक्टर पैमाने पर इसकी तीव्रता 4.7 मापी गई थी.
क्या है रिक्टर स्केल?
भूकंप कितना तीव्र है इसका अंदाज़ा रिक्टर स्केल से लगाया जाता है. यानी 6 से कम रिक्टर स्केल के भूकंप को तेज़ नहीं कहा जा सकता है क्योंकि उसमें हल्का कंपन महसूस होता है. वहीं 7 से 9 के बीच रिक्टर स्केल पर कई बार इमारतों के गिरने से लेकर समुद्री तूफान के आने तक का खतरा हो सकता है. वहीं जब भूकंप 9 से ऊपर के रिक्टर स्केल पर आता है तो अपने साथ भारी तबाही लेकर आता है.
बता दें कि रिक्टर स्केल पर तीव्रता में हर एक अंक कम होने का मतलब है कि बड़े भूकंप से 30 प्रतिशत कम उर्जा का मुक्त होना लेकिन जब इमारतें पहले से ही जर्जर होती हैं तो एक छोटे से छोटा झटका भी किसी ढांचे को ढहाने के लिए काफी होता है.
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