पणजी:
महादेई जल न्यायाधिकरण के फैसले के बाद उत्तरी कर्नाटक में गोवा विरोधी प्रदर्शन की रिपोर्ट मिलने के बाद गोवा सरकार ने गुरुवार को अपने इस पड़ोसी राज्य के लिए बस सेवाओं को दो दिनों के लिए रोक दिया। गोवा के परिवहन मंत्री सुदिन धवलिकर ने बताया कि बसों को रोकने का आदेश 'एहतियाती उपाय' के तौर पर लागू किया गया है।
धवलिकर ने कहा, "कनार्टक बंद केवल कर्नाटक के लिए है, गोवा के लिए नहीं। हमने महादेई मुद्दे पर जीत हासिल की। कनार्टक सरकार को इस समस्या का समाधान करना चाहिए। बस चालक कर्नाटक जाना चाहते हैं लेकिन मैंने उन्हें दो दिनों तक नहीं जाने का आदेश दिया है। फिलहाल कर्नाटक के लिए कोई भी बस सेवा उपलब्ध नहीं है।"
गोवा से कर्नाटक के लिए रोजाना करीब 100 अंतर्राज्यीय बसें चलती है और ये निजी और सरकारी, दोनों ऑपरेटरों द्वारा चलाई जाती हैं।
नई दिल्ली स्थित महादेई जल विवाद न्यायाधिकरण ने बुधवार को अंतरिम आदेश में कहा कि अंतिम आदेश आने तक कर्नाटक सरकार महादेई नदी के 7.56 टीएमसी पानी को मालाप्रभा बेसिन में नहीं भेजे। इसके बाद, बुधवार और गुरुवार को उत्तरी कनार्टक में प्रदर्शन हुए जिसमें गोवा से लगती सीमा के आसपास के क्षेत्र भी शामिल थे।
गोवा के मुख्यमंत्री लक्ष्मीकांत पारेसकर ने कहा कि दोनों राज्यों के लोगों को कानून-व्यवस्था का सम्मान करना चाहिए। उन्होंने कहा, "हम एक शिक्षित राज्य हैं। कर्नाटक भी एक शिक्षित राज्य है और हमें देश के संविधान और कानून की इज्जत करनी चाहिए और न्यायपालिका की सुननी चाहिए। अगर उन्हें इसे चुनौती देनी है तो वे इसके लिए आजाद हैं।"
गोवा में सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी के विधायक माइकल लोबो ने कहा कि उत्तरी कर्नाटक में विरोध प्रदर्शन कांग्रेस की करतूत है।
लोबो ने कहा, "कर्नाटक के लोगों को समझना चाहिए कि महादेई गोवा की जीवनरेखा है। आप इसे रोक नहीं सकते। पश्चिमी घाट के वनस्पति और जीव इस नदी पर आश्रित हैं। बंद सही नहीं है। यह कनार्टक की कांग्रेस सरकार की चाल है।"
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
धवलिकर ने कहा, "कनार्टक बंद केवल कर्नाटक के लिए है, गोवा के लिए नहीं। हमने महादेई मुद्दे पर जीत हासिल की। कनार्टक सरकार को इस समस्या का समाधान करना चाहिए। बस चालक कर्नाटक जाना चाहते हैं लेकिन मैंने उन्हें दो दिनों तक नहीं जाने का आदेश दिया है। फिलहाल कर्नाटक के लिए कोई भी बस सेवा उपलब्ध नहीं है।"
गोवा से कर्नाटक के लिए रोजाना करीब 100 अंतर्राज्यीय बसें चलती है और ये निजी और सरकारी, दोनों ऑपरेटरों द्वारा चलाई जाती हैं।
नई दिल्ली स्थित महादेई जल विवाद न्यायाधिकरण ने बुधवार को अंतरिम आदेश में कहा कि अंतिम आदेश आने तक कर्नाटक सरकार महादेई नदी के 7.56 टीएमसी पानी को मालाप्रभा बेसिन में नहीं भेजे। इसके बाद, बुधवार और गुरुवार को उत्तरी कनार्टक में प्रदर्शन हुए जिसमें गोवा से लगती सीमा के आसपास के क्षेत्र भी शामिल थे।
गोवा के मुख्यमंत्री लक्ष्मीकांत पारेसकर ने कहा कि दोनों राज्यों के लोगों को कानून-व्यवस्था का सम्मान करना चाहिए। उन्होंने कहा, "हम एक शिक्षित राज्य हैं। कर्नाटक भी एक शिक्षित राज्य है और हमें देश के संविधान और कानून की इज्जत करनी चाहिए और न्यायपालिका की सुननी चाहिए। अगर उन्हें इसे चुनौती देनी है तो वे इसके लिए आजाद हैं।"
गोवा में सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी के विधायक माइकल लोबो ने कहा कि उत्तरी कर्नाटक में विरोध प्रदर्शन कांग्रेस की करतूत है।
लोबो ने कहा, "कर्नाटक के लोगों को समझना चाहिए कि महादेई गोवा की जीवनरेखा है। आप इसे रोक नहीं सकते। पश्चिमी घाट के वनस्पति और जीव इस नदी पर आश्रित हैं। बंद सही नहीं है। यह कनार्टक की कांग्रेस सरकार की चाल है।"
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