Go First का लाइसेंस रद्द करने को लेकर फैसला लेगा DGCA, जारी किया गया नोटिस

Go First ने फंड की दिक्कत को देखते हुए पहले तीन दिनों के लिए अपनी उड़ानों को रद्द किया था लेकिन बाद में इस निलंबन को 12 मई तक के लिए आगे बढ़ा दिया गया था.

नई दिल्ली:

Go First एयरलाइंस की मुश्किलें कम होती नहीं दिख रही हैं. विमानन नियामक DGCA ने सोमवार को Go First एक कारण बताओ नोटिस जारी करके पूछा है कि आखिर वो किन वजहों से "सुरक्षित, कुशल और विश्वसनीय तरीके से सेवा के संचालन को जारी रखने में विफलता" साबित हो रही है. साथ ही DGCA ने एयरलाइंस से अगले आदेश तक सीधे टिकटों की बुकिंग और बिक्री को तुरंत बंद करने का निर्देश भी दिया है. DGCA ने एयरलाइंस से अगले 15 दिनों में जवाब देने को कहा है. इस जवाब के आधार पर ही DGCA ये तय करेगा कि एयरलाइंस को आगे भी परिचालन के लिए लाइसेंस जारी रखा जाए या नहीं. 

कंपनी ने जारी किया था बयान

बता दें कि Go First ने फंड की दिक्कत को देखते हुए पहले तीन दिनों के लिए अपनी उड़ानों को रद्द किया था लेकिन बाद में इस निलंबन को 12 मई तक के लिए आगे बढ़ा दिया गया था. कंपनी की तरफ से जारी बयान में कहा गया था कि ऑपरेशनल वजहों से कंपनी अपनी उड़ानों को 12 मई तक के लिए निलंबित कर रही है. यात्रियों को हुई इस असुविधा के लिए खेद है. 

25 फ्लाइट्स का रोका गया था संचालन

गौरतलब है कि कुछ दिन पहले ही कंपनी अपनी उड़ानों को तीन दिनों के लिए निलंबित किया था. इसे लेकर एक बयान भी जारी किया गया था. कंपनी ने कहा था कि ऑपरेशनल वजहों से कंपनी तीन, चार और पांच मई को अपनी फ्लाइट्स निलंबित करने का फैसला किया है. इसकी जानकारी एयरलाइन के प्रमुख कौशिक खोना ने मंगलवार को दी थी. खोना ने कहा था कि Go First अपने बेडे़ के 25 फ्लाइट्स का संचालन रोक रही है. यह संख्या उसके बेड़ों में मौजूद कुल फ्लाइट्स के आधा है. इसके बाद कंपनी ने 9 मई तक के लिए फ्लाइट्स को निलंबित कर दिया था. 

DGCA को दी गई थी जानकारी

उन्होंने कहा था कि ये एक बहुत दुर्भाग्यपूर्ण निर्णय है. लेकिन ये फैसला हमें कंपनी के हितों की रक्षा के लिए लेना पड़ा है. Go First का कहना है कि ऑपरेशनल वजहों से फलाइट्स को रद्द किया गया है. कंपनी ने तीन, चार और पांच तारीख को अपने फ्लाइट्स को निलबिंत करने के फैसले से सरकार को भी अवगत करा दिया है, साथ ही नियामक DGCA को भी इसकी जानकारी दे दी गई है.

एयरलाइन ने लगाया था आरोप

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एयरलाइन ने बयान में आरोप लगाया था कि सिंगापुर के एक मध्यस्थ ने पी एंड डब्ल्यू को 27 अप्रैल, 2023 तक कम से कम 10 सेवा योग्य स्पेयर लीज्ड इंजन और 10 और इंजन ( यानी हर महीने एक) इस साल दिसंबर तक आपूर्ति करने का ऑर्डर दिया था, लेकिन पी एंड डब्ल्यू ने डिलीवरी नहीं की.