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This Article is From Feb 13, 2020

दिल्ली की हार पर कांग्रेस में रार! सिंधिया और जयराम रमेश ने उठाए सवाल- 'हम में से कई लोग ऐसा बर्ताव करते हैं जैसे अभी भी...'

दिल्ली विधानसभाचुनाव में कांग्रेस (Congress) की करारी शिकस्त के बाद पार्टी में उथलपुथल का माहौल है. ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) ने भी कहा कि पार्टी को अपनी विचारधारा बदलने की जरूरत है.

दिल्ली चुनाव में पार्टी की करारी हार पर ज्योतिरादित्य सिंधिया ने उठाए सवाल.

नई दिल्ली:

दिल्ली विधानसभाचुनाव में कांग्रेस (Congress) की करारी शिकस्त के बाद पार्टी में उथलपुथल का माहौल है. दिल्ली में लगातार दूसरी बार कांग्रेस के हिस्से में एक भी सीट नहीं आई है. पार्टी नेताओं के बीच आरोप प्रत्यारोप का दौर जारी है. चुनावी नतीजे के बाद प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सुभाष चोपड़ा और दिल्ली के प्रभारी पद से पीसी चाको ने इस्तीफा दे दिया. कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) ने दोनों इस्तीफों को स्वीकार भी कर लिया है. कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेता हार के लिए पार्टी की रणनीति पर सवाल उठा रहे हैं.
 


इस बीच वरिष्ठ कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) ने भी कहा कि पार्टी को अपनी विचारधारा बदलने की जरूरत है. न्यूज एजेंसी ANI से बात करते हुए ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा, 'पार्टी के लिए यह बेहद निराशाजनक है. एक नई विचारधारा और एक नई कार्य प्रक्रिया की तत्काल जरूरत है. देश बदल गया है, इसलिए हमें देश के लोगों के साथ जुड़ने के लिए सोच बदलनी होगी. उधर, पूर्व केंद्रीय मंत्री जयराम रमेश ने भी पार्टी में बड़े बदलाव की वकालत की. जयराम रमेश (Jairam Ramesh) ने कहा कि हमें खुद को मजबूत करने की आवश्यकता है. उन्होंने कहा कि सत्ता खोने के छह साल बाद भी 'हम में से कुछ' ऐसा व्यवहार करते हैं जैंसे 'हम अभी भी मंत्री हैं.'

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पार्टी सख्ती से पुनरावलोकन करना चाहिए: जयराम रमेश
कांग्रेस की शर्मनाक हार और बिहार तथा उत्तर प्रदेश जैसे कुछ राज्यों में पार्टी की खराब हालत पर चिंता व्यक्त करते हुए वरिष्ठ कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि पार्टी को 'सख्ती से' अपना पुनरावलोकन करना चाहिए. वरिष्ठ नेता वीरप्पा मोइली ने भी दिल्ली चुनाव में हार के परिप्रेक्ष्य में पार्टी को पुनर्जीवित करने के लिए एक 'सर्जिकल' कार्रवाई का आह्वान किया है. रमेश ने कहा, 'कांग्रेस नेताओं को अपना पुनरावलोकन करना होगा. कांग्रेस को यदि प्रासंगिक होना है तो उसे स्वयं का पुनरावलोकन करना होगा.'

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उन्होंने कहा, 'अन्यथा, हम अप्रासंगिकता की ओर बढ़ रहे हैं. हमें अहंकार छोड़ना होगा, छह साल से सत्ता से दूर होने के बावजूद हममें से कई लोग कई बार ऐसे बर्ताव करते हैं जैसे वे अब भी मंत्री हैं.' पार्टी में नेतृत्व के मुद्दे के सवाल पर उन्होंने कहा कि स्थानीय नेताओं को प्रोत्साहन देना होगा और आगे बढ़ाना होगा. रमेश ने कहा कि स्थानीय नेताओं को स्वतंत्रता और स्वायत्तता दी जानी चाहिए. उन्होंने कहा, 'हमारे नेतृत्व के स्वभाव और शैली को बदलना होगा.'

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कांग्रेस में फिर से जान फूंकनी होगी: मोइली
कांग्रेस की हार को लेकर चिंता व्यक्त करते हुए वरिष्ठ नेता एम वीरप्पा मोइली ने पार्टी में फिर से जान फूंकने के लिए 'सर्जिकल कार्रवाई' का आह्वान किया. पूर्व केंद्रीय मंत्री मोइली ने कहा कि कांग्रेस अच्छा प्रदर्शन नहीं कर सकी, क्योंकि उसका 'वोट बैंक आप की तरफ स्थानांतरित हो गया, क्योंकि उनका मानना था कि केवल वह (आप प्रमुख अरविंद केजरीवाल) ही भाजपा को पराजित कर सकते हैं.'

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कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री मोइली ने 'इस तरह लोग उस निष्कर्ष पर पहुंचे कि कांग्रेस पार्टी का समर्थन करने का कोई मतलब नहीं, अन्यथा इससे भाजपा को फायदा होगा.' उन्होंने कहा, 'हम चिंतित हैं. दिल्ली का परिदृश्य यह है कि लोगों (मतदाताओं) ने कांग्रेस को गंभीरता से नहीं लिया. 

VIDEO: दिल्ली में मिली हार, कांग्रेस में तकरार

(इनपुट: भाषा से भी)

 

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