दिल्ली पुलिस (Delhi Police) ने 9 करोड़ से ज्यादा रकम की ठगी करने वाले को एक शख्स तेज बहादुर रॉय को दबोचा (Fraudster arrested) है. तेज बहादुर 2013 से अदालत से बचता आ रहा था. फिलहाल वो माइनिंग के धंधे में था.
क्राइम ब्रांच के डीसीपी भीष्म सिंह के मुताबिक, दिल्ली के कालका जी एक्सटेंशन में रहने वाला तेज बहादुर फाल्कन इंडिया नाम की कंपनी चलाता था. उसने रोज इंटरनेशनल नाम की कंपनी चलाने वाले अश्वनी दीवान से संपर्क कर कहा कि उसे कुछ विदेशी खरीददार मिले हैं, जो घर सजाने का सामान खरीदना चाहते हैं. तेज बहादुर ने कहा कि ये बड़ा ऑर्डर है और वो चाहता है कि इसकी सप्लाई अलग अलग वेंडर के जरिये हो.
इसके बाद अश्वनी दीवान और तेजबहादुर के बीच घर के सजावटी सामान सप्लाई करने के लिए 1,1954,50 डॉलर का एक कारोबारी एग्रीमेंट हुआ. अश्वनी ने 2.23 करोड़ रुपये तेजबहादुर को दे दिए. तेजबहादुर ने ये पैसा अपने कर्मचारियों के खाते में गलत तरीके से ट्रांसफर करवा लिया. अकाउंट के स्टेटमेंट से पता चला कि तेजबहादुर के एक कर्मचारी धनंजय के अकाउंट में 5.89 करोड़ रुपये हैं. जबकि कंपनी के दूसरे खातों में फ़र्ज़ी तरीके से 4.52 करोड़ रुपये ट्रांसफर करवाया गया था.
इस ठगी में तेजबहादुर के कर्मचारी ललित मिश्रा और संजय तिवारी भी शामिल थे. इस मामले में दिल्ली के सरोजिनी नगर थाने में केस दर्ज किया गया. इस मामले की चार्जशीट पेश होने के बाद 2013 में कोर्ट ने तेजबहादुर को भगोड़ा घोषित कर दिया.
क्राइम ब्रांच की टीम ने उसे लखनऊ के गोमती नगर से गिरफ्तार कर लिया. पुलिस के मुताबिक तेजबहादुर मूलरूप से बनारस का रहने वाला है. वो टेक्सटाइल इंजीनियरिंग से पीजी है.
2004 में वो इसी ठगी के केस में जेल गया. लेकिन 2013 में जेल से बाहर आने के बाद वो कभी कोर्ट नहीं गया. फिलहाल तेजबहादुर रामेश्वरम माइंस नाम से एक कंपनी चला रहा था. जिसका एमपी के मऊगंज और यूपी के सोनभद्र में काम चल रहा था. उसके खिलाफ ठगी के 8 से ज्यादा केस दर्ज हैं.
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