Delhi Pollution: आज भी दिल्ली में जहरीली धुंध की दमघोंटू चादर छाई रही.
Delhi-NCR AQI, Pollution Updates: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बढ़ते प्रदूषण के मद्देनजर आज एक उच्च स्तरीय बैठक बुलाई है. इस बैठक में दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय और सभी संबंधित विभागों के अधिकारी शामिल होंगे.पर्यावरण मंत्री गोपाल राय बढ़ते प्रदूषण और GRAP-4 को सख़्ती से लागू करने को लेकर दिल्ली सचिवालय में दोपहर 12 बजे सभी संबंधित विभागों के साथ बात करेंगे. बता दें कि प्रदूषण के बढ़ते स्तर को देखते हुए दिल्ली-एनसीआर में ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (जीआरएपी) के चरण IV लगाए गए हैं. GRAP-4 तब लागू होता है जब एयर क्लाविटी इंडेक्स (एक्यूआई) 450 से ऊपर या "गंभीर प्लस" श्रेणी में रहता है.
दिल्ली की हवा सोमवार सुबह लगातार सातवें दिन गंभीर रूप से प्रदूषित रही और एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) अभी भी 'गंभीर' श्रेणी में है. राष्ट्रीय राजधानी में सबसे ज्यादा प्रभावित इलाकों में आरके पुरम (466), आईटीओ (402) शामिल हैं, पटपड़गंज (471), और न्यू मोती बाग (488) हैं.
राष्ट्रीय राजधानी में बढ़ते वायु प्रदूषण के स्तर को देखते हुए, दिल्ली सरकार ने कक्षा 5 तक के सभी स्कूलों को 10 नवंबर तक बंद कर दिया है. वहीं, सरकार ने कहा है कि 6-12 तक के क्सास को बंद करने की आवश्यकता नहीं है, लेकिन यदि स्कूल चाहें तो उनके पास ऑनलाइन क्लास चलाने का विकल्प है.
दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने बढ़ते प्रदूषण और GRAP-4 को सख़्ती से लागू करने को लेकर आज दिल्ली सचिवालय में दोपहर 12 बजे सभी संबंधित विभागों की बैठक बुलाई है.इस बैठक में, Transport, Education, MCD, NDMC, DCB, REVENUE, GAD, Delhi Police, Delhi traffic police, DPCC आदि के अधिकारी शामिल होंगे.
आज भी दिल्ली में जहरीली धुंध की दमघोंटू चादर छाई रही, जिससे डॉक्टरों ने बच्चों और बुजुर्गों में सांस और आंखों की बीमारियों की बढ़ती संख्या के बारे में चिंता जताई. AIIMS के डॉक्टर ने कहा,"यह समझना महत्वपूर्ण है कि वायु प्रदूषण सांस संबंधी बीमारियों के अलावा शरीर की विभिन्न प्रणालियों को भी प्रभावित करता है. प्रदूषण का दिल का दौरा, मस्तिष्क स्ट्रोक और गठिया जैसी कोरोनरी धमनी रोगों से सीधा संबंध है. हमारे पास वैज्ञानिक प्रमाण हैं जो विभिन्न प्रकार के कैंसर के साथ इसका संबंध स्थापित करते हैं. ''
पिछले कुछ दिनों में दिल्ली-एनसीआर में कई स्थानों पर सरकार की माइक्रोस्कोपिक PM2.5 पार्टिकल्स 60 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर की सेफ लिमिट सात से आठ गुना तक बढ़ गई है. यह WHO की सेफ लिमिट 5 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर से 80 से 100 गुना अधिक था. पार्टिकुलेट मैटर PM2.5 पार्टिकल्स फेफड़ों में गहराई तक जा सकते हैं और स्वास्थ्य समस्याएं पैदा कर सकते हैं.
केंद्र ने दिल्ली और आसपास के शहरों में ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) को अपने उच्चतम स्तर पर लागू कर दिया है, जहां एयर क्वालिटी "गंभीर प्लस" श्रेणी में बनी हुई है. दिल्ली में ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) के चरण-IV को लागू कर दिया गया है. दिल्ली में सभी निर्माण और कंस्ट्रक्शन कार्य पर रोक लगा दी गई है., जिनमें सार्वजनिक परियोजनाएँ जैसे सड़क, पुल और बिजली लाइनें आदि शामिल हैं.
ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (जीआरएपी) वायु प्रदूषण विरोधी उपायों का एक सेट है जिसे केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) ने स्थापित किया है. GRAP के चार चरण होते हैं, जिनमें चरण IV सबसे गंभीर होता है. स्टेज IV तब लागू होता है जब एयर क्लाविटी इंडेक्स (एक्यूआई) 450 से ऊपर या "गंभीर प्लस" श्रेणी में रहता है.
जीआरएपी के तहत गंभीर वायु प्रदूषण से निपटने के लिए आवश्यक सामान ले जाने वाले, या एलएनजी, सीएनजी, या बिजली द्वारा संचालित आवश्यक सेवाएं प्रदान करने वाले ट्रकों को छोड़कर बाकी ट्रकों को दिल्ली में प्रवेश करने से रोकता है. दिल्ली के बाहर रजिस्टर्ड आवश्यक सामान ले जाने वाले या आवश्यक सेवाएं प्रदान करने वाले वाहनों को छोड़कर केवल इलेक्ट्रिक, सीएनजी और बीएस-VI डीजल लाइट कमर्शियल व्हीकल (एलसीवी) को शहर में प्रवेश करने की अनुमति है.
दिल्ली और केंद्र सरकारें सार्वजनिक, नगरपालिका और निजी कार्यालयों को अपने आधे कर्मचारियों के साथ घर से काम करने की अनुमति दे सकती हैं. दिल्ली अग्निशमन सेवा ने वायु प्रदूषण पर अंकुश लगाने के लिए कई स्थानों पर पानी का छिड़काव करने के लिए दमकल की 12 गाड़ियों को लगाया है. वायु प्रदूषण की गंभीर समस्या केवल दिल्ली तक ही सीमित नहीं है, बल्कि पड़ोसी राज्य हरियाणा, राजस्थान और उत्तर प्रदेश के कई शहरों में भी वायु गुणवत्ता खतरनाक स्तर तक पहुंच गई है.
दिल्ली में मौसम की प्रतिकूल स्थितियों और पड़ोसी राज्यों में पराली जलाने की घटनाओं में वृद्धि के बीच शहर में प्रति वर्ष सर्दियों के मौसम में प्रदूषण की समस्या काफी बढ़ जाती है.